मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों कुछ ऐसी है कि कब कौन कहां चला जाए, कहा नहीं जा सकता। आसान शब्दों में, महाराष्ट्र की राजनीति अप्रत्याशित हो चली है। बुधवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे के आमूलचूल परिवर्तन का स्वागत किया, जिसमें उनके कथित ‘हिंदुत्व की वापसी’ को शिंदे ने सराहा।
शिंदे ने कहा कि ‘उनमें हाल में जो परिवर्तन देखा गया है, वो अच्छी बात है। ये वही लोग थे जो सत्ता में आने पर बीजेपी और महायुति नेताओं को जेल भेजने की बात कर रहे थे। ये लोग लोकसभा में जीत के बाद इतने उत्साहित थे कि उन्होंने विधानमंडल के मंत्रिमंडल का विस्तार भी कर दिया था।
शिवसेना ने की सावरकर को भारत रत्न देने की मांग
संयोग से, उद्धव ठाकरे की कथित ‘हिंदुत्व की वापसी’ के बारे में चर्चा तब शुरू हुई, जब उन्होंने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इसके ठीक एक दिन पहले शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित करने की चुनौती दी थी।
उद्धव ठाकरे ने की फडणवीस से मुलाकात
अब खबर है कि मंगलवार को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाग लेने के बाद नागपुर में मंगलवार को सीएम फडणवीस से मुलाकात के दौरान उद्धव ठाकरे ने खुद सावरकर को भारत रत्न देने की यही मांग की थी। सीएम फडणवीस से मुलाकात के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, उद्धव ठाकरे ने सवाल किया कि बीजेपी ने सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि ”जब वह मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था। आज भी वह सीएम हैं और उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया है। इसलिए बीजेपी को सावरकर के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। मैं अपनी मांग दोहराता हूं कि देश का सर्वोच्च सम्मान सावरकर को दिया जाए’।
सावरकर के साथ नेहरू को भी दिया जाए भारत रत्न
आगे ठाकरे ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों से जवाहरलाल नेहरू और विनायक सावरकर के बारे में ऐतिहासिक बहस से आगे बढ़ने का आग्रह किया और उनसे विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने कहा, ”नेहरू और सावरकर दोनों ऐतिहासिक शख्सियत हैं, जिन्होंने अपना योगदान दिया। आज हमें विकास, किसानों के मुद्दों के समाधान, बुनियादी ढांचे में सुधार और बेरोजगारी के समाधान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है’।
कांग्रेस ने नहीं दिया साथ
हालांकि, उद्धव ठाकरे की सावरकर को भारत रत्न देने की मांग को उनके महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगियों का अब तक साथ नहीं मिला है। कांग्रेस की ओर से भी इस बाबत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे की सावरकर को भारत रत्न देने की मांग को विपक्ष के नेता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में सावरकर की आलोचना करने के कुछ दिनों बाद आई थी, जिसमें उन्होंने संविधान के मूल्यों के विपरीत और अंग्रेजों से माफी मांगने के लिए सावरकर की आलोचना की थी।