लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगने वाला है। पावर कॉरपोरेशन ने वित्तीय घाटा दिखाते हुए घरेलू और व्यावसायिक बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। शहरी और ग्रामीण – दोनों क्षेत्रों में फिक्स चार्ज और प्रति यूनिट रेट में बढ़ोत्तरी की गई है।
कितनी महंगी होगी बिजली
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को 2025-26 के लिए जो प्रस्ताव सौंपा है, उसके मुताबिक बिजली की दरों में औसतन 30% तक की बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है।
शहरी उपभोक्ताओं के लिए नई दरें:
- फिक्स चार्ज: 110 रुपये से बढ़ाकर 190 रुपये प्रति किलोवाट
- प्रति यूनिट रेट (300 यूनिट से ज्यादा): 6.50 रुपये से बढ़ाकर 9 रुपये प्रति यूनिट
- अनुमानित कुल लागत: 12-13 रुपये यूनिट तक पड़ सकती है
ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए नई दरें
- फिक्स चार्ज: 90 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये प्रति किलोवाट
- प्रति यूनिट रेट (300 यूनिट से ज्यादा): 5.50 रुपये से बढ़ाकर 8 रुपये प्रति यूनिट
गरीबों (BPL) के लिए असर:
- पहले 100 यूनिट तक 3 रुपये प्रति यूनिट मिलती थी। अब बढ़कर 4 रुपये प्रति यूनिट हो सकती है
- फिक्स चार्ज: 50 रुपये से बढ़ाकर 75 रुपये
दुकानों और व्यापारिक उपयोगकर्ताओं पर असर:
- 0-4 किलोवाट लोड: 7.50-8.40 रुपये से बढ़कर 9.50 रुपये प्रति यूनिट
- 4 किलोवाट से ज्यादा लोड: 7.50-8.75 रुपये से बढ़कर 10 रुपये प्रति यूनिट
- फिक्स चार्ज: 330-450 रुपये से बढ़कर 450-545 रुपये प्रति किलोवाट
प्राइवेट संस्थानों के लिए प्रस्ताव:
- प्रति यूनिट रेट: 9 रुपये से बढ़कर 10 रुपये
- फिक्स चार्ज: 350 से बढ़ाकर 450 रुपये
क्यों उठाया गया ये कदम?
पावर कॉरपोरेशन ने कहा है कि उसे मौजूदा बिजली दरों पर 19,644 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। इसी घाटे को कम करने के लिए दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है।
क्या बदलेगा स्लैब सिस्टम?
अब तक घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए चार स्लैब होते थे। लेकिन नए प्रस्ताव में इन्हें घटाकर तीन स्लैब करने की सिफारिश की गई है, जिससे कुछ उपभोक्ताओं पर 45% से अधिक बढ़ोतरी का भार पड़ सकता है।
ऐसे समझें उपभोक्ता
- अगर कोई शहरी उपभोक्ता 350 यूनिट बिजली खर्च करता है, तो पहले कुल बिल लगभग ₹2,275 होता था। अब नया बिल ₹3,500 से भी ज्यादा हो सकता है।
आम आदमी के जेब पर सीधे पड़ेगा असर
उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में भारी वृद्धि की तैयारी है, जिसका असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। चाहे आप गांव में रहते हों या शहर में, अब बिजली का बिल पहले से कहीं ज्यादा भारी हो सकता है। आयोग की मंजूरी मिलते ही यह नई दरें लागू हो सकती हैं।