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एलन मस्क की Starlink को भारत में उपग्रह इंटरनेट सेवा संचालन की मिली मंजूरी

मार्च 2025 में, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने स्पेसएक्स के साथ समझौते किए थे, जिनके तहत वे भारत में स्टारलिंक की सेवाएं प्रदान करेंगे।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क : एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की उपग्रह इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को भारत सरकार से संचालन की मंजूरी मिल गई है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दूरसंचार विभाग (DoT) ने स्टारलिंक को ‘ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट’ (GMPCS), ‘वीसैट’ (VSAT) और ‘इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर’ (ISP) लाइसेंस के लिए ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ (LoI) जारी किया है। हालांकि, यह मंजूरी अंतिम लाइसेंस जारी करने से पहले की प्रक्रिया है और स्टारलिंक को सभी लाइसेंस शर्तों को पूरा करना होगा।

भारत में स्टारलिंक की सेवाएं : लाइसेंस प्रक्रिया और शर्तें

सरकारी सूत्रों के अनुसार, स्टारलिंक को अंतिम लाइसेंस तभी मिलेगा, जब वह सभी निर्धारित शर्तों को पूरा करेगा। इन शर्तों में भारत में एक ग्राउंड स्टेशन और नेटवर्क कंट्रोल और मॉनिटरिंग सेंटर की स्थापना शामिल है। इसके अतिरिक्त, उपभोक्ता टर्मिनलों के स्थानांतरण की सुविधा भी प्रदान करनी होगी। स्पेसएक्स ने इन शर्तों को मानने की सहमति दी है, जिससे लाइसेंस प्रक्रिया में तेजी आ सकती है।

रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ साझेदारी

मार्च 2025 में, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने स्पेसएक्स के साथ समझौते किए थे, जिनके तहत वे भारत में स्टारलिंक की सेवाएं प्रदान करेंगे। इन समझौतों के अनुसार, जियो और एयरटेल अपने खुदरा स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टारलिंक की सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा, जियो ग्राहक सेवा, इंस्टॉलेशन और एक्टिवेशन की जिम्मेदारी भी निभाएगा। एयरटेल ने भी अपनी योजनाओं में स्टारलिंक की तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने की बात की है।

भारत में स्टारलिंक की इंटरनेट स्पीड और संभावनाएं

स्टारलिंक की उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवा भारत में विशेष रूप से उन क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो सकती है, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना चुनौतीपूर्ण है। स्टारलिंक की सेवाएं 25 Mbps से 220 Mbps तक की डाउनलोड स्पीड और 5 Mbps से 20 Mbps तक की अपलोड स्पीड प्रदान करेंगी। इससे वीडियो स्ट्रीमिंग, गेमिंग और वीडियो कॉलिंग जैसी सेवाओं में भी सुधार होगा।

भारत सरकार से स्टारलिंक को मिली मंजूरी उपग्रह इंटरनेट सेवाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ साझेदारी से स्टारलिंक की सेवाओं का विस्तार ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में तेजी से हो सकता है। हालांकि, अंतिम लाइसेंस जारी होने और सेवाओं के मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया अभी बाकी है, लेकिन यह कदम भारत में डिजिटल विभाजन को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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