नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई एयरपोर्ट) पर एक बड़ा हादसा टल गया जब बैंकॉक से मॉस्को जा रही एयरोफ्लोट की फ्लाइट एसयू-273 को तकनीकी खराबी के चलते आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी। फ्लाइट में कुल 425 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे, जिन्हें सुरक्षित रूप से विमान से बाहर निकाल लिया गया।
धुआं और ईंधन की गंध से मचा हड़कंप
मिली जानकारी के अनुसार, उड़ान के दौरान फ्लाइट के केबिन से धुआं उठने और ईंधन की तीव्र गंध महसूस किए जाने की सूचना पायलट ने कंट्रोल टॉवर को दी। इसके तुरंत बाद आपातकाल घोषित कर दिया गया और विमान को दिल्ली हवाई अड्डे पर शाम लगभग 7:00 बजे आपात स्थिति में उतारा गया।
त्वरित आपातकालीन सेवाएं सक्रिय
हवाई अड्डा प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया। दमकल विभाग, मेडिकल टीम और सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते मोर्चा संभाला। लैंडिंग के बाद 425 यात्रियों और चालक दल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
तकनीकी जांच और दोबारा उड़ान
प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि धुआं किसी तकनीकी गड़बड़ी—संभवतः इंजन या केबिन सिस्टम—के कारण उत्पन्न हुआ होगा, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है। फ्लाइट को टेक्निकल निरीक्षण और जरूरी मरम्मत के बाद रात लगभग 10:30 बजे दोबारा मॉस्को के लिए रवाना कर दिया गया।
संचालन बहाल, यात्रियों को सहायता
दिल्ली एयरपोर्ट प्रशासन ने घटना के बाद बयान जारी कर बताया कि हवाई अड्डे पर सामान्य संचालन बहाल कर दिया गया है। इस घटना से अन्य उड़ानों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा।
एयरलाइंस एयरोफ्लोट ने यात्रियों को राहत पहुंचाने के लिए तत्काल होटल, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान कीं। यात्रियों और उनके परिजनों से अनुरोध किया गया है कि वे अधिकृत जानकारी के लिए एयरलाइन के आधिकारिक स्रोतों से संपर्क बनाए रखें।
इस घटना ने एयरपोर्ट प्रशासन और विमानन कंपनियों की त्वरित प्रतिक्रिया और सुरक्षा प्रबंधन की सराहना के अवसर भी दिए। गनीमत रही कि समय रहते उठाए गए कदमों के चलते एक बड़ी दुर्घटना टल गई और सभी यात्री सुरक्षित रहे।