नयी दिल्ली। Ethanol Ban: चीनी उद्योग निकाय इस्मा (ISMA) ने सरकारी स्वामित्व वाली पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा सी-हैवी शीरे से बने इथेनॉल पर 6.87 रुपये प्रति लीटर का प्रोत्साहन देने के कदम की सराहना की है। इस्मा ने कहा कि प्रोत्साहन और अधिक होना चाहिए। सरकारी स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने आपूर्ति बढ़ाने के लिए सी-हैवी शीरे से बने इथेनॉल (Ethanol Ban) पर 6.87 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन की पेशकश की है।
भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा विनिर्माता संघ (आईएसएमए) के अध्यक्ष एम प्रभाकर राव ने एक बयान में कहा कि उद्योग सी-हैवी शीरे से बने इथेनॉल की आपूर्ति पर 6.87 रुपये प्रति लीटर के प्रोत्साहन की सराहना करता है, जिससे कीमत 56.28 रुपये प्रति लीटर हो जाती है।
उन्होंने कहा कि इस अनिश्चित समय में उद्योग को बेहतर ढंग से आगे बढ़ने में मदद करने और समय पर गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित करने, घाटे को कम करने और इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करने के लिए इसे (प्रोत्साहन राशि को) और बढ़ाया जाना चाहिए।
Ethanol Ban : तेल कंपनियां पेट्रोल में 12 प्रतिशत इथेनॉल मिला रही
राव ने कहा कि उद्योग इथेनॉल (Ethanol Ban) उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए किए गए अपने निवेश पर उच्च ब्याज चुका रहा है। उन्होंने बी-हैवी शीरे और गन्ना रस से बनने वाले इथेनॉल की कीमत में और बढ़ोतरी के अलावा शीरे के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने की उद्योग की अपील दोहराई। जीवाश्म ईंधन के लिए आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तेल कंपनियां पेट्रोल में 12 प्रतिशत इथेनॉल (Ethanol Ban) मिला रही हैं।
तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने प्रोत्साहन की घोषणा की है। कंपनियों ने कहा कि सी-हैवी शीरे से इथेनॉल की आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
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