रांची : विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर में ‘जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ वायु और स्वास्थ्य’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार, ओएसडी झारखंड पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड संजय श्रीवास्तव, मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद, स्टेट एपिडेमियोलॉजिस्ट प्रवीण कर्ण और अंकिता ज्योति ने भाग लिया। सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण को लेकर जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण मृत्यु का एक प्रमुख कारण बन चुका है। शहरीकरण, जंगलों की कटाई और अन्य मानवीय गतिविधियां इस समस्या को बढ़ा रही हैं। मौके पर जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला डाटा प्रबंधक, रिजनल को-आर्डिनेटर, सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी उपस्थित थे।
गर्मी से बचाव के इंतजाम
प्रवीण कर्ण ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती गर्मी और उसके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि गर्मी से बचाव के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्था की गई है। साथ ही ट्रैफिक सिग्नल पर छाया के लिए शेड का प्रबंध करने और चौक-चौराहों पर ठंडे पानी की व्यवस्था करने पर जोर दिया।
थ्री आर का फार्मूला होगा कारगर
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के पीछे मानव गतिविधियों का बड़ा योगदान है। उन्होंने विकास और शहरीकरण को मुख्य कारण बताया और कहा कि हमें प्रकृति के संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना चाहिए। सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ट्रिपल आर (रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल) के महत्व पर भी बल दिया।
कूड़ा जलाने से बचे, पौधे लगाएं
संजय श्रीवास्तव ने शहर में प्रदूषण कम करने के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कूड़ा जलाने से बचने और सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण को बढ़ावा देने की बात की। कार्यशाला में इस वर्ष के विश्व स्वास्थ्य दिवस का थीम स्वास्थ्य शुरुआत, आशाजनक भविष्य पर भी चर्चा की गई, जो मुख्य रूप से मां और नवजात बच्चों की सेहत और सुरक्षा पर केंद्रित है।