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बंगाल में अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट, छह लोगों की मौत, जानें कैसे हुआ यह हादसा?

by Rakesh Pandey
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बारासात ,बंगाल : बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट उस समय हुआ, जब कोलकाता से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर दत्तापुकुर पुलिस थाना क्षेत्र में नीलगंज के मोशपोल इलाके में कई लोग पटाखा फैक्टरी में काम कर रहे थे। विस्फोट का प्रभाव इतना जोरदार था कि पड़ोस के 50 से अधिक मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें संदेह है कि कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं।

मलवे की जांच व बचाव अभियान जारी

पुलिस ने बताया कि फैक्टरी मालिक का बेटा भी इस विस्फोट में मारा गया। अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच जारी है और जो भी दोषी पाया जायेगा, उसे दंडित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल बचाव अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अपराध जांच विभाग (सीआईडी) का बम दस्ता, आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मी और पुलिस की एक टुकड़ी मौके पर मौजूद है।

फैक्टरी के मालिक के घर में उग्र भीड़ ने की तोड़फोड़

पुलिस ने बताया कि विस्फोट के बाद स्थानीय लोगों ने फैक्टरी के एक मालिक के घर में तोड़फोड़ की। यह पूछे जाने पर कि क्या फैक्टरी में पटाखों की आड़ में बम भी बनाये जा रहे थे, पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए। पुलिस टीम ने पटाखे बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल जब्त कर लिया है। फोरेंसिक टीम जांच कर रही है और जानकारी ले रही है। पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा में मई में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में इसी तरह के विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी।

राजनीतिक पार्टियों में जुबानी जंग तेज

राज्यपाल सीवी आनंद बोस विस्फोट स्थल और बारासात में स्थित अस्पताल जायेंगे। राजभवन ने एक बयान में यह जानकारी दी है। बयान के अनुसार बोस पहले नीलगंज में विस्फोट स्थल पर जायेंगे और फिर शहर लौटने से पहले घायलों के बारे में पूछताछ करने के लिए बारासात के जिला अस्पताल जायेंगे।

रविवार को हुए विस्फोट के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। भाजपा ने इस घटना की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कराने की मांग की जबकि टीएमसी ने भाजपा से इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने को कहा है।

राज्य बारूद के ढेर पर: शुभेंदु अधिकारी

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य बारूद के भंडार में बदल गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा अवैध गतिविधियों की कोई निगरानी नहीं की जा रही है। इन पटाखा फैक्टरी को टीएमसी के स्थानीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। नेता प्रतिपक्ष ने यह भी दावा किया कि स्थानीय विधायक एवं राज्य के खाद्य मंत्री रथिन घोष के समर्थन से फैक्टरी सुचारू रूप से संचालित की जा रही थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने इस घटना की एनआईए जांच की मांग करते हुए कहा कि टीएमसी शासन के तहत, पश्चिम बंगाल बम बनाने की फैक्टरी और आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है और केवल एनआईए जांच से ही सच्चाई सामने आ सकती है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले साल अवैध पटाखा कारखानों में कम से कम छह ऐसे विस्फोट हुए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध पटाखा कारखानों में हुए विस्फोटों में बच्चों समेत कई लोगों की मौत हो चुकी है। बाद में पता चला कि इन कारखानों में बम बनाये जा रहे थे। बंगाल में ये बम बनाने का उद्योग टीएमसी, गुंडों और पुलिस की सांठगांठ के कारण फल-फूल रहा है।

टीएमसी ने कहा-गिद्ध वाली राजनीति बंद करे भाजपा

भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा को अपनी गिद्ध वाली राजनीति बंद करनी चाहिए। वे गिद्धों की तरह हैं जो किसी के मरने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे आकर शव को नोच सकें। उन्हें निष्कर्ष पर पहुंचना बंद करना चाहिए और पुलिस को जांच पूरी करने देना चाहिए।

भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए राज्य के खाद्य मंत्री रथिन घोष ने आरोप लगाया कि अवैध कारखाने के पीछे इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) है। मंत्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि प्रशासन को इस अवैध फैक्टरी के बारे में कोई जानकारी थी। मैंने सुना है कि मुर्शिदाबाद के आईएसएफ कार्यकर्ता ने यहां एक संपत्ति किराए पर ली थी और अवैध फैक्टरी संचालित कर रहा था।

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फैक्टरी के मालिक पर गंभीर आरोप

आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि फैक्टरी का मालिक टीएमसी का सदस्य है और उसे वहां फैक्टरी संचालित करने में पूरा संरक्षण प्राप्त है। सिद्दीकी ने कहा कि मालिक टीएमसी का व्यक्ति है और उसे इस अवैध फैक्टरी को संचालित करने में पूरा समर्थन प्राप्त था। टीएमसी के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने बताया कि राज्य सरकार ने एक एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया है, जिसने पिछले कुछ महीनों में ऐसी कई अवैध पटाखा फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है।

उन्होंने कहा कि अगर कुछ इकाइयां अभी भी अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं, तब उन्हें भी जल्द ही नष्ट कर दिया जायेगा। सेन ने कहा कि कई बार ऐसी पटाखा फैक्टरी के खिलाफ कार्रवाई से स्थानीय लोगों का गुस्सा भी भड़क जाता है क्योंकि हजारों लोग आजीविका के लिए इन पर निर्भर होते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार अवैध पटाखों के खतरे को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। पटाखा निर्माताओं के संगठन सारा बांग्ला आतश बाजी उन्नयन समिति के अध्यक्ष बबला रॉय ने कहा कि अवैध फैक्टरी में प्रतिबंधित हाई-डेसीबल ‘चॉकलेट बम’ या पटाखे बनाये जा रहे थे।

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