नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज (गुरुवार) से शुरू हो रहा है। ऐसा पहली बार होगा जब अरविंद केजरीवाल सिर्फ विधायक के तौर पर सदन में मौजूद रहेंगे। अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद आतिशी इस पद पर बैठेंगी। दरअसल दिल्ली की नई सीएम आतिशी मार्लेना सिंह ने पदभार संभालने के साथ ही अरविंद केजरीवाल की कुर्सी खाली छोड़ी थी। उन्होंने कहा था कि वह किसी अन्य कुर्सी पर बैठकर सरकार चलाएंगी। इस दौरान उनके बगल में एक खाली कुर्सी भी नजर आई थी। उन्होंने कहा कि ये कुर्सी केजरीवाल की वापसी तक इसी कमरे में रहेगी और इस कुर्सी को उनका का इंतजार रहेगा।
बता दें कि यह सत्र दिल्ली की मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट मंत्रियों के शपथ लेने के 4 दिन बाद हो रहा है, जिसमें आतिशी बहुमत साबित करेंगी। हालांकि दिल्ली की सत्तारूढ़ आप पार्टी के पास 70 सदस्यीय विधानसभा में 60 विधायकों का बहुमत है। वहीं भाजपा के पास सात सदस्य हैं और बाकी तीन सीटें खाली हैं। शनिवार को दिल्ली की आठवी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वालीं आतिशी ने जोर देकर कहा था कि वह केजरीवाल की जगह बस कुछ महीनों के लिए हैं, जो सत्ता में दोबारा चुने जाने पर अपनी सही जगह पर वापस लौटेंगे।
आज के सत्र में विपक्ष करेगा घेराव
आम आदमी पार्टी राजधानी में वित्तीय अनियमितताओं और गिरते नागरिक बुनियादी ढांचे के आरोपों से जूझ रही है। ऐसे में बहुत आसार हैं कि विपक्ष की बीजेपी इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश विधानसभा सत्र के दौरान कर सकती है, लेकिन सदन में ‘आप’ के भारी बहुमत को देखते हुए यह मुश्किल भी हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पार्टी के विधायक सरकार को दिल्ली की 2 करोड़ जनता की परेशानियों पर चर्चा करने के लिए मजबूर करेंगे।
इन मुद्दों पर विपक्ष कर सकता है सवाल
- बारिश में 50 लोगों की मौत
- 95,000 गरीबों को नहीं दिए राशन कार्ड
- पीने के पानी की भारी किल्लत
- प्रदूषण का बढ़ता स्तर
- लचर परिवहन व्यवस्था
- डीयू के 12 कॉलेजों का फंड रोका
- छठा दिल्ली वित्त आयोग
- दिल्ली जल बोर्ड का 73000 करोड़ का कर्ज
- अस्पतालों के निर्माण में भ्रष्टाचार
- केंद्र सरकार की योजना नहीं की गई लागू
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