नई दिल्ली : साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण शनिवार (29 मार्च) को आरंभ हो चुका है। यह ग्रहण मीन राशि और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण है। विशेष बात यह है कि इसी दिन शनि देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जो जून 2027 तक यहां रहेंगे। यह संयोग बहुत ही दुर्लभ है, क्योंकि ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण और शनि गोचर का यह संयोग करीब 100 साल बाद बन रहा है।
सूर्य ग्रहण और शनि गोचर का दुर्लभ संयोग
सूर्य ग्रहण और शनि गोचर का यह संयोग एक अत्यंत दुर्लभ खगोलीय घटना है, क्योंकि शनि का राशि परिवर्तन लगभग हर ढाई साल में होता है, और इस बार यह बदलाव सूर्य ग्रहण के दिन हो रहा है। शनि का यह गोचर आने वाले ढाई वर्षों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, जिनका असर देश-दुनिया पर देखा जा सकता है। शनि की गति सबसे धीमी मानी जाती है। इसलिए उनका राशि परिवर्तन एक बड़ा ज्योतिषीय परिवर्तन होता है।
सूर्य ग्रहण की अवधि और समय (Surya Grahan 2025 Timings)
सूर्य ग्रहण 29 मार्च को चैत्र माह की अमावस्या के दिन भारतीय समयानुसार दोपहर 2:21 बजे से शुरू हो चुका है। उग्रह शाम 6:14 बजे होगा। ग्रहण का मध्य समय दोपहर 4:17 बजे होगा। इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट की रहेगी। हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
ग्रहण का दृश्य और स्थान
यह आंशिक सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर जैसे स्थानों पर दिखाई देगा। भारत में इसे देखा नहीं जा सकेगा, लेकिन इसका खगोलीय महत्व और ज्योतिषीय प्रभाव पूरे विश्व में महसूस किया जाएगा।
ग्रहण के प्रभाव और ज्योतिषीय संकेत
सूर्य ग्रहण का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत अधिक है। इस दिन कई लोग उपवास रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों से बचने का प्रयास करते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूर्य ग्रहण का प्रभाव हर व्यक्ति और हर राशि पर अलग-अलग होता है। इस दिन से शनि के मीन राशि में गोचर का भी प्रभाव हो सकता है, जो व्यक्ति विशेष के जीवन में कुछ विशेष बदलाव ला सकता है।