Home » लोक गायिका शारदा सिन्हा ICU में, बेटे ने कहा- स्थिति गंभीर लेकिन उम्मीद कायम

लोक गायिका शारदा सिन्हा ICU में, बेटे ने कहा- स्थिति गंभीर लेकिन उम्मीद कायम

शारदा सिन्हा को पिछले हफ्ते से खाने-पीने में कठिनाई महसूस हो रही थी, जिसकी वजह से उन्हें एम्स में भर्ती होना पड़ा। सुबह अचानक उनकी तबीयत और बिगड़ गई, जिससे उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित किया गया।

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली : पद्मभूषण सम्मान प्राप्त लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबीयत हाल ही में अचानक बिगड़ गई है, जिसके चलते उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया। बीते एक सप्ताह से उनका इलाज चल रहा है, लेकिन शनिवार की सुबह उनकी स्थिति में और भी गिरावट आ गई। उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंता बढ़ती जा रही है, खासकर इस कठिन समय में जब वह अपने पति के निधन के बाद से मानसिक रूप से भी परेशान थीं।

शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने The Photon News को जानकारी दी है कि उनकी मां की हालत गंभीर है, लेकिन फिलहाल स्थिर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि शारदा पिछले 7 वर्षों से मल्टीपल मायलोमा नामक बीमारी से जूझ रही हैं, जो उनके स्वास्थ्य को लगातार प्रभावित कर रही है।अंशुमन ने खुलासा किया कि हाल ही में उनके पिता का निधन होने के बाद शारदा गहरे मानसिक सदमे में हैं। इस व्यक्तिगत नुकसान ने उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

स्वास्थ्य की स्थिति

शारदा सिन्हा को पिछले हफ्ते से खाने-पीने में कठिनाई महसूस हो रही थी, जिसकी वजह से उन्हें एम्स में भर्ती होना पड़ा। सुबह अचानक उनकी तबीयत और बिगड़ गई, जिससे उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित किया गया। वर्तमान में, एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर उनकी देखभाल कर रहे हैं। उनकी बीमारी और मानसिक तनाव ने उनके परिवार और प्रशंसकों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।

संगीत में योगदान

बिहार की इस लोकप्रिय लोक गायिका को पूरे देश में ‘कोकिला’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी और हिंदी में अनेक गीत गाए हैं। विशेष रूप से, उनका योगदान छठ महापर्व के दौरान अमूल्य है, क्योंकि उनके गीत इस पर्व की पहचान बन चुके हैं। इनके बिना बिहार में छठ का पर्व अधूरा सा लगता है। इसके अलावा, शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड की फिल्मों में भी कई गाने गाए हैं, जो उनकी प्रतिभा को और भी उभारते हैं।

जन्म और प्रारंभिक जीवन

शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ था। उनका विवाह बेगूसराय में हुआ। संगीत की दुनिया में कदम रखने से पहले, उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया। शारदा ने अपने करियर की शुरुआत एक मैथिली गायिका के रूप में की और अपनी मधुर आवाज के बल पर उन्होंने बिहार की लोक संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाई।

सांस्कृतिक पहचान

शारदा सिन्हा की गायकी में बिहार की मिट्टी की सुगंध और वहां की सांस्कृतिक भावनाओं का गहरा समावेश है। उनकी आवाज में एक ऐसा जादू है जो सुनने वालों को अपनी ओर खींच लेता है। उन्हें पद्मश्री और पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का प्रमाण हैं, बल्कि बिहार की लोक गायन परंपरा के लिए भी गर्व की बात है।

व्यक्तिगत जीवन

हाल ही में शारदा सिन्हा ने अपने पति को खो दिया, जिसने उन्हें गहरे मानसिक सदमे में डाल दिया। यह घटना उनके लिए एक कठिन समय लेकर आई, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति भी प्रभावित हुई। उनकी कला और संगीत में जो भावनाएं हैं, वे अब उनकी व्यक्तिगत जीवन की कठिनाइयों से भी जुड़ गई हैं।

Read Also- Raveena Tandon birthday: शादी से पहले बनीं मां, जब 21 साल की उम्र में रवीना टंडन ने गोद लिए बच्चे

Related Articles