गुरुग्राम: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। गुरुग्राम स्थित उनके निवास पर दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर्स उन्हें बचा नहीं सके। उनके निधन की खबर से राज्यभर में शोक की लहर दौड़ गई, और राजनीतिक गलियारों में एक बड़ी शून्यता का आभास हुआ । वे सात बार विधायक और पांच बार सीएम रहे ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित कई नेताओं ने चौटाला के निधन पर शोक व्यक्त किया। चौटाला के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है।
राजनीति में मिली विरासत: चौधरी देवीलाल के बेटे थे ओम प्रकाश चौटाला
ओम प्रकाश चौटाला को राजनीति में अपनी पहचान बनाने में देर नहीं लगी, और इसका एक बड़ा कारण था उनकी सियासी विरासत। वे हरियाणा के सियासी ध्वजवाहक और जनता दल के पूर्व उप प्रधानमंत्री रहे चौधरी देवीलाल के बेटे थे। चौधरी देवीलाल, जो 1989 में जनता दल की सरकार में उप प्रधानमंत्री बने थे, ने हमेशा हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ओम प्रकाश चौटाला चौधरी देवीलाल की 5 संतानों में सबसे बड़े बेटे थे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी भी।
सियासत में मजबूत पकड़, चार बार बने मुख्यमंत्री
ओम प्रकाश चौटाला ने 1989 से 1991 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवा दी और इसके बाद 1999 में भाजपा के सहयोग से राज्य में सरकार बनाई। उनकी कड़ी मेहनत और कूटनीतिक कौशल ने उन्हें चार बार राज्य का मुख्यमंत्री बनने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने अपनी राजनीति के दौरान हमेशा हरियाणा की ग्रामीण जनता और किसान समुदाय के हितों के लिए काम किया। ओम प्रकाश चौटाला का मानना था कि राज्य की असली ताकत ग्रामीण इलाकों में ही बसती है, और उन्होंने अपनी सरकार में यह सुनिश्चित किया कि किसानों और गांवों को हर संभव मदद मिले।
चौधरी देवीलाल का उत्तराधिकारी, पारिवारिक राजनीति का हिस्सा
ओम प्रकाश चौटाला के दो बेटे अजय चौटाला और अभय चौटाला हैं, जो आज भी हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हैं। अजय चौटाला के बेटों के नाम दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला हैं, जिनमें से दुष्यंत चौटाला हरियाणा के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। चौटाला परिवार का हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रहा है, और ओम प्रकाश चौटाला के निधन के बाद भी यह परिवार प्रदेश की सियासत में अपनी पकड़ बनाए रखेगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जताया शोक
ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “INLD सुप्रीमो एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। उन्होंने जीवन भर प्रदेश और समाज की सेवा की। यह देश और हरियाणा प्रदेश की राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है…”
राज्य और देश की राजनीति में एक खालीपन
ओम प्रकाश चौटाला के निधन के बाद हरियाणा और देश की राजनीति में एक बड़ा खालीपन आ गया है। उन्होंने ना सिर्फ हरियाणा की राजनीति को दिशा दी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। उनका जीवन संघर्षों से भरा था, लेकिन वे हमेशा अपने सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध रहे। उनकी कड़ी मेहनत और राजनीतिक दूरदृष्टि ने उन्हें हरियाणा के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बना दिया।
स्मृति में ओम प्रकाश चौटाला
ओम प्रकाश चौटाला का निधन हरियाणा की राजनीति के लिए एक अभूतपूर्व क्षति है। उनकी राजनीतिक यात्रा हमेशा एक प्रेरणा के रूप में जानी जाएगी, जो हरियाणा की लोकशाही को मजबूत बनाने में सहायक रही। उनका योगदान न केवल हरियाणा, बल्कि पूरे देश की राजनीति में हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी सोच, उनकी नीतियां और उनकी राजनीतिक विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन का काम करती रहेंगी।