Koderma News : झारखंड के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कोडरमा से दो बार सांसद रह चुके तिलकधारी सिंह का सोमवार को निधन हो गया। 85 वर्षीय तिलकधारी सिंह ने गिरिडीह के नवजीवन अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
कोडरमा के जनप्रिय जनप्रतिनिधि
तिलकधारी सिंह को कोडरमा क्षेत्र में एक ईमानदार, मिलनसार और कर्मठ जनप्रतिनिधि के रूप में जाना जाता था। वे हमेशा जनसरोकारों के मुद्दों को लेकर संसद और राज्य के मंचों पर सक्रिय रहते थे। उनकी राजनीतिक शैली में विनम्रता और स्पष्टवादिता का विशेष स्थान था।
राजनीतिक जगत में शोक की लहर
उनके निधन पर कई प्रमुख नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। शोक व्यक्त करने वालों में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. रविंद्र राय, राज्यसभा सांसद डॉ. सरफराज अहमद, राज्य मंत्री सुदिव्य कुमार, पूर्व विधायक विनोद सिंह, मौजूदा विधायक डॉ. मंजू कुमारी समेत कांग्रेस व विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, समाजवेली एवं गणमान्य लोग शामिल हैं।
तीन भाइयों में सबसे छोटे, समाजसेवा में अग्रणी
तिलकधारी सिंह, बाबू पंचानन सिंह के पुत्र और तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। अपने पूरे जीवन में उन्होंने सादगी, सेवा और समर्पण को मूलमंत्र बनाकर कार्य किया। देवरी प्रखंड के चतरो गांव में जन्मे तिलकधारी सिंह ने शिक्षक की नौकरी छोड़कर 1968 में सार्वजनिक जीवन में कदम रखा। 1973 में मुखिया पद का चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा। उसके बाद 1974 गिरिडीह जिला परिषद के अध्यक्ष बने। 1977 में जिला कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त हुए और 1980 धनवार विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए। 1984 और 1999 कोडरमा लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए। उन्होंने अलग झारखंड राज्य गठन के बाद भी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सक्रिय भूमिका निभाई।