लोकल डेस्क, Dhanbad : वक्त का हर शै गुलाम…। जी हां, वक्त कब किसका कैसा होगा, कहा नहीं जा सकता। आखिर ऐसा क्या हुआ कि संजीव सिंह मौत देने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, हत्याओं के आरोप में पिछले छह साल से जेल में बंद धाकड़ नेता रहे झारखंड के झरिया से पूर्व बीजेपी विधायक संजीव सिंह ने इस दुनिया को ही छोड़ देने की इच्छा जताई है। न केवल इच्छा जताई है बल्कि इस इच्छा को पूरी करने के लिए कानूनी रास्ते पर चल पड़े हैं। उन्होंने धनबाद जिला सत्र न्यायालय अदालत में आवेदन दाखिल किया है,जिसमें उन्होंने इच्छा मृत्यु के लिए अनुनय-विनय किया है। इस गुहार में उन्होंने बीमारी से तंग आकर इच्छा मृत्यु मांगी है।
पूर्व डिप्टी मेयर सहित चार हत्याओं के मामले में जेल में हैं बंद
संजीव सिंह वही नेता हैं जिनपर पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या का आरोप लगा है। इन हत्याओं के मामले मे बीते छह वर्षों से वे जेल में बंद हैं। वे बीमार चल रहे हैं। अपनी बीमारी से तंग आकर संसार छोड़ने का मन बना लिया है। मंगलवार को संजीव सिंह की ओर से अदालत में आवेदन दाखिल किया गया है। इस आवेदन में इच्छामृत्यु देने की गुहार लगाई गई है।
क्या कहा संजीव के अधिवक्ता ने?
कोर्ट में दाखिल आवेदन में संजीव के अधिवक्ता मो जावेद की ओर से कहा गया है कि बेहतर इलाज उनका संवैधानिक अधिकार था परंतु उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही है। वह 14 दिन से एनएमसीएच में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। लिहाजा वह घुट-घुटकर जीना नहीं चाहते। उन्हें इच्छामृत्यु दे दी जाए। समाचार लिखे जाने तक आवेदन पर सुनवाई चल रही थी।
एक दिन पूर्व सुपर स्पेशलियटी अस्पताल भेजे जाने के आवेदन पर हुई थी सुनवाई
सोमवार को ही संजीव के बेहतर इलाज के लिए सुपर मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल भेजे जाने के आवेदन पर अदालत में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन की ओर से संजीव सिंह की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट को भी प्रस्तुत किया गया था। इस मामले में सुनवाई करने के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा है।
अस्पताल ने की थी रिम्स भेजने की अनुशंसा, सीएमओ ने कहा- धनबाद में हो सकता है इलाज
दरअसल, संजीव सिंह की बीमारी काफी दिनों से चल रही है। उनके इलाज को लेकर अदालत में पहले भी सुनवाई हुई थी। इसके पूर्व 22 जुलाई को अदालत मे एसएनएमसीएच एवं मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी धनबाद के कार्यालय की ओर से अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। एसएमसीएच ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पूर्व में संजीव सिंह को बेहतर इलाज के लिए रिम्स रांची भेजे जाने की अनुशंसा की गई थी। वहीं दूसरी ओर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यालय के रिपोर्ट में बताया गया था कि संजीव सिंह की बीमारी का इलाज धनबाद के एशियन जलाल व अशर्फी अस्पताल में उपलब्ध है।
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अधिवक्ता ने कोर्ट में बताई ये समस्या
इसपर दलील देते हुए संजीव सिंह के अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने कहा था कि संजीव सिंह की हालत अस्पताल में लगातार बिगड़ती जा रही है। यदि समय पर और ठीक ढंग से उन्हें इलाज की सुविधा नहीं मिली तो किसी अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता। अधिवक्ता ने यह भी बताया कि संजीव सिंह का कई दिनों से यूरिन डिस्चार्ज नहीं हो रहा है। वहीं उनका रक्तचाप भी बढ़ा हुआ है। यह भी बताया जा रहा है कि उनकी मानसिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है। वह बातों को भूल जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें अविलंब उनके खर्चे पर ही सही सुपर मल्टी स्पेशलियटी अस्पताल में भेजा जाना चाहिए।