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Danger of Zoonotic Disease : दुनिया की 44 फीसदी आबादी पर मंडरा रहा जूनोटिक रोग का खतरा

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : एक ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि जूनोटिक रोग दुनिया की 44 फीसदी आबादी को प्रभावित कर सकता है। जारी रिपोर्ट के अनुसार लगभग 3.5 अरब लोग इस रोग के शिकार हो सकते हैं। इस शोध कार्य के लिए शोधकर्ताओं ने 144 रोगों से जुड़ी 686 प्रजातियों का विश्लेषण किया था।

क्या है जूनोटिक रोग

येल स्कूल ऑफ द एनवायर्नमेंट ने ‘जूनोटिक होस्ट रिचनेस’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार दुनिया की 44 फीसदी आबादी पर जूनोटिक रोग का संकट मंडरा रहा है। जानवरों से इंसानों में फैलने वाले संक्रमण को जूनोटिक रोग कहते हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार लगभग 3.5 अरब लोगों के इस रोग के शिकार होने की आशंका है। जूनोटिक रोग के संक्रमण विषाणु, जीवाणु और परजीवी के माध्यम से फैलते हैं।

यह है इस रोग के फैलने की मुख्य वजह

इस अध्ययन में यह पाया गया है कि दक्षिण पूर्व एशिया के भारत और चीन में लगभग 10 फीसदी लोगों पर इस रोग का अत्यधिक जोखिम है। सामान्य रूप से जूनोटिक रोग लकड़ियों के चुनने, शिकार और जमीन (भूमि) में बदलाव के कारण इंसान इस रोग के संपर्क में आ सकते हैं। इस शोध कार्य को पूरा करने के लिए शोधकर्ताओं ने 144 रोगों से संबंधित 686 प्रजातियों का विश्लेषण किया।

इन जानवरों से फैल सकता यह रोग

जूनोटिक रोग के संबंध में जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार इनमें से कुछ बीमारियां हल्की, वहीं कुछ गंभीर होती हैं और कुछ जानलेवा तक हो सकती है। इसके लिए भारत और चीन के कई हिस्सों में मौजूद प्रजातियों का भी विश्लेषण किया गया। इंसानों की बस्ती के समीप पाए जाने वाले स्तनपायी प्रजातियों में चमगादड़, बंदर जैसे जानवरों से इस प्रकार की बीमारी होने की आशंका होती है।

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