नई दिल्ली: दक्षिण-पश्चिम दिल्ली निवासी व्यवसायी आजाद सिंह डागर से सोशल मीडिया के जरिए फर्जी शेयर ट्रेडिंग योजना में निवेश करवाकर ठगों ने करीब 6 करोड़ 3 लाख रुपये की ठगी की। यह मामला अब साइबर अपराध शाखा आईएफएसओ (Intelligence Fusion and Strategic Operations) के पास दर्ज हो चुका है, और जांच शुरू हो चुकी है।
सोशल मीडिया से शुरू हुई दोस्ती
ठगी की शुरुआत उस वक्त हुई जब व्यवसायी आजाद सिंह डागर को एक महिला नेहा से सोशल मीडिया पर दोस्ती का अनुरोध मिला। नेहा ने खुद को उनके एक परिचित की दोस्त बताया और दो आकर्षक व्यावसायिक प्रस्ताव दिए —
- नोएडा में इलेक्ट्रिक वाहन संयंत्र में निवेश,
- ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में भागीदारी।
फर्जी चैनल और नकली विशेषज्ञों से मिला झांसा
नेहा ने आजाद को एक सोशल मीडिया चैनल से जोड़ा, जिसमें कथित शेयर बाजार विशेषज्ञ मौजूद थे। इन लोगों ने नकली पासपोर्ट दिखाकर अपनी पहचान पक्की की और उच्च लाभ का वादा कर निवेश के लिए प्रेरित किया।
छह करोड़ से ज़्यादा का लेन-देन
आजाद सिंह ने दो महीनों की अवधि में विभिन्न बैंक खातों में कुल 6,03,27,056 रुपये ट्रांसफर किए। जब उन्होंने अपने निवेश की राशि वापस लेने की कोशिश की, तो टैक्स और लेनदेन शुल्क के नाम पर और पैसे मांगे गए।
सच्चाई सामने आने पर हुआ खुलासा
संदेह होने पर आजाद ने पड़ताल की, तो पाया कि न तो वह सोशल मीडिया चैनल असली है और न ही उनके परिचित ने नेहा को कभी जाना है। इस पर उन्होंने तुरंत साइबर अपराध हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई।
तकनीकी रूप से उन्नत साइबर ठगों का गिरोह
आईएफएसओ की टीम अब ठगों के डिजिटल ट्रांजेक्शन, बैंक खातों और सोशल मीडिया प्रोफाइल्स की गहराई से जांच कर रही है। शुरुआती जांच से साफ है कि यह एक सुनियोजित और तकनीकी रूप से उन्नत साइबर अपराध है।
पुलिस की अपील: सावधान रहें
दिल्ली पुलिस ने नागरिकों से सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करने और ऑनलाइन निवेश योजनाओं में बिना जांच के शामिल होने से बचने की सलाह दी है। पुलिस का कहना है कि राजधानी में साइबर अपराध के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे सतर्क रहना आवश्यक है।