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Sunita Williams : सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी में और देरी, NASA ने बदल दिया प्लान

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : भारत की मशहूर अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी में अब और देरी हो रही है। नासा ने 17 दिसंबर 2024 को अपने ब्लॉग में यह जानकारी दी कि उनकी यात्रा अब फरवरी 2025 तक नहीं हो पाएगी। सुनीता, जो इस समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद हैं, को अपनी वापसी में एक महीने की और देरी का सामना करना पड़ेगा। इसकी वजह है SpaceX के Dragon कैप्सूल में आई तकनीकी दिक्कतें।

स्पेसक्राफ्ट में आई तकनीकी समस्याएं

सुनीता विलियम्स और उनके सहयात्री बुच विलमोर को फरवरी में वापस लौटने का कार्यक्रम था, लेकिन स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में कुछ तकनीकी समस्याएं आ गईं। इस तकनीकी कारण के चलते अब उनके पृथ्वी पर लौटने का समय बढ़ा दिया गया है। दरअसल, नासा और स्पेसएक्स ने फरवरी में Crew-10 मिशन लॉन्च करने की योजना बनाई थी, जिसमें चार एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन भेजा जाना था। लेकिन अब यह मिशन कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया है, क्योंकि नए ड्रैगन कैप्सूल के निर्माण में समय लग रहा है। नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर, स्टीव स्टिच ने बताया कि इस कैप्सूल के फैब्रिकेशन, असेंबली, टेस्टिंग और अंतिम इंटीग्रेशन में समय लगने की वजह से सुनीता और बुच को स्पेस स्टेशन पर और एक महीना रहना पड़ेगा।

सुनीता और बुच की वर्तमान हालात

फिलहाल, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर दोनों ही स्पेस स्टेशन पर स्वस्थ हैं और अपनी नियमित शोध गतिविधियों में व्यस्त हैं। वे बाकी एस्ट्रोनॉट्स की मदद कर रहे हैं और अपने कार्यों में पूरा ध्यान दे रहे हैं। अंतरिक्ष में रहने के दौरान, उन्हें कई शोध परियोजनाओं में हाथ बंटाना होता है और नए वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए डेटा एकत्र करना होता है। इस समय, स्पेस स्टेशन पर कुल 9 एस्ट्रोनॉट्स मौजूद हैं, जो आपस में सहयोग करते हुए अपने-अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।

स्पेस स्टेशन पर इतने एस्ट्रोनॉट्स का रहना क्या संभव है

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक साथ इतने सारे एस्ट्रोनॉट्स का रहना कोई बड़ी समस्या नहीं है। स्पेस स्टेशन इतना बड़ा है कि यहां और भी एस्ट्रोनॉट्स को जगह मिल सकती है। वर्तमान में, स्पेस स्टेशन में 9 एस्ट्रोनॉट्स के रहने की व्यवस्था है। इसमें 6 स्लीपिंग क्वार्टर, दो बाथरूम, एक जिम और अन्य आवश्यक सुविधाएं हैं। इसके अलावा, नई कार्गो सप्लाई की गई है, जिससे एस्ट्रोनॉट्स को खाने-पीने में कोई समस्या नहीं होगी।

क्या इतना लंबा समय अंतरिक्ष में बिताना सुरक्षित है

अंतरिक्ष में लंबा समय बिताना शरीर पर कई तरह के प्रभाव डाल सकता है। नासा ने इस पर गहन अध्ययन किया है और पाया है कि अंतरिक्ष में 8 से 10 महीने तक रहना सेहत के लिए ठीक नहीं है, लेकिन यह संभव है। नासा के शोध के अनुसार, लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मांसपेशियों में कमजोरी, हड्डियों का घनत्व घटने और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, इस तरह के मिशन से जुड़े एस्ट्रोनॉट्स की सेहत की निगरानी की जाती है और उन्हें जरूरत के अनुसार उपचार भी दिया जाता है।

सुनीता विलियम्स का लंबा अंतरिक्ष मिशन

सुनीता विलियम्स का यह लंबा अंतरिक्ष मिशन किसी भी एस्ट्रोनॉट के लिए एक बड़ा अनुभव होता है। इससे पहले, सुनीता ने 2006 में अंतरिक्ष में 196 दिन बिताए थे, लेकिन इस बार उनका समय 250 दिनों तक पहुंच सकता है। अंतरिक्ष में इतने लंबे समय तक रहने से उनके शरीर पर भी असर पड़ सकता है, लेकिन नासा के वैज्ञानिक इसकी निगरानी कर रहे हैं। वहीं, अंतरिक्ष यात्रा के दौरान स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए नासा ने कई उपाय किए हैं, ताकि उनकी सेहत पर कोई नकारात्मक असर न हो।

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