गम्हरिया : झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला स्थित गम्हरिया प्रखंड के कांड्रा पदमपुर में आधुनिक पावर प्लांट से विस्थापित 25 परिवारों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को विस्थापित मजदूरों ने प्रखंड कार्यालय परिसर में जोरदार धरना-प्रदर्शन करते हुए अपनी पुरानी मांगों को दोहराया।
विस्थापितों की मांगें
- स्थायी नियोजन और सम्मानजनक वेतन।
- योग्यता के अनुसार कुशल और अति-कुशल युवाओं को रोजगार।
- पुनर्वास एवं समुचित मुआवजा।
- सीएसआर के तहत चिकित्सा सुविधा और सामाजिक कल्याण योजनाएं।
- ठेका मजदूरों को भी स्थायी किया जाये।
15 वर्षों से कर रहे हैं मांग
विस्थापितों का कहना है कि उनकी जमीनें 15 साल पहले कंपनी द्वारा अधिग्रहित की गई थीं, लेकिन न मुआवजा मिला, न पुनर्वास किया गया, और न ही रोजगार। बीते वर्षों में कई बार उन्होंने अपनी आवाज़ उठाई, लेकिन कंपनी प्रबंधन ने इसे बार-बार अनसुना कर दिया।
15 दिनों का अल्टीमेटम
प्रदर्शनकारी विस्थापितों ने प्रशासन और कंपनी प्रबंधन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि “यदि 15 दिनों के भीतर हमारी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं होती है, तो अगला कदम उग्र जन आंदोलन होगा।”
प्रशासन की भूमिका पर उठ रहे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन इस लंबे समय से चल रहे विस्थापन और अनदेखी के मामले में कब तक मूकदर्शक बना रहेगा? क्या विस्थापितों को उनका हक़ मिलेगा या फिर यह आंदोलन भी अन्य आंदोलनों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?