रांची : झारखंड में संगठित अपराध और नक्सली नेटवर्क के खिलाफ चल रही पुलिस कार्रवाई के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। पलामू में मारे गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू और लातेहार में एनकाउंटर में ढेर हुए 10 लाख के इनामी जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा के बीच मजबूत संबंध सामने आए हैं। अब इन दोनों के मारे जाने के बाद अमन गैंग और जेजेएमपी के बचे हुए सदस्य एकजुट होकर फिर से सक्रिय हो रहे हैं, जिससे झारखंड पुलिस और एटीएस अलर्ट हो गई है।
गैंगवार के नए समीकरण : अमन और पप्पू के साथी अब एकजुट
अमन साहू की 11 मार्च 2025 को पलामू में पुलिस मुठभेड़ में मौत हुई थी। इसके ठीक दो महीने बाद, 24 मई को लातेहार में पप्पू लोहरा भी एनकाउंटर में मारा गया। दोनों गिरोहों के सोशल मीडिया अकाउंट्स से मिले संकेतों और पोस्ट्स से पता चलता है कि अब बचे हुए सदस्य एकसाथ मिलकर ऑपरेशन चला रहे हैं।
सोशल मीडिया पर खुलेआम धमकी, राहुल सिंह कर रहा है अगुवाई
अमन साहू की मौत के बाद गिरोह की कमान राहुल सिंह ने संभाली है। उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर कहा कि हमें बहुत दुख है कि हमारे बॉस अमन साहू के सबसे करीबी जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके लिए पूरे गिरोह की तरफ से श्रद्धांजलि। राहुल ने आगे लिखा कि अब जेजेएमपी के कुछ सदस्य अमन गैंग से जुड़ गए हैं और उन्हें खास जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जिनके असर जल्द ही जमीन पर दिखेंगे।
एटीएस सतर्क, हथियार नेटवर्क पर नजर
झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने कहा है कि दोनों गिरोहों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर गंभीर निगरानी की जा रही है। अब तक अमन गैंग से जुड़े एक दर्जन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से हथियार जब्त किए गए हैं और आर्थिक नेटवर्क को भी नुकसान पहुंचाया गया है।
सोशल मीडिया हैंडलर्स की पहचान में जुटी पुलिस
एक बड़ा सवाल यह है कि एनकाउंटर में मारे गए या जेल में बंद अपराधियों के सोशल मीडिया अकाउंट लगातार कैसे सक्रिय हैं? एटीएस ने अब इन अकाउंट्स को चलाने वाले हैंडलर्स की पहचान और लोकेशन ट्रेसिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है।