भरूच: गुजरात के भरूच जिले में स्थित दहेज के एक रासायनिक संयंत्र में शनिवार रात जहरीली गैस के रिसाव से चार कर्मचारियों की जान चली गई। यह घटना गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स लिमिटेड (GFL) की एक उत्पादन इकाई में हुई, जहां पाइपलाइन से गैस रिसाव होने की वजह से कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ गई।
कैसे हुआ हादसा?
दहेज थाने के निरीक्षक बीएम पाटीदार ने बताया कि घटना शनिवार रात करीब 10 बजे की है, जब एक पाइपलाइन से जहरीली गैस का रिसाव शुरू हुआ। इसके परिणामस्वरूप, संयंत्र के चार कर्मचारी अचानक बेहोश हो गए। गैस की चपेट में आए कर्मचारियों को तुरंत नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन अफसोस की बात यह है कि इलाज के बावजूद चारों कर्मचारियों को बचाया नहीं जा सका।
तीन कर्मचारियों की मौत रविवार तड़के करीब तीन बजे हो गई, जबकि चौथे कर्मचारी ने सुबह छह बजे दम तोड़ दिया। अधिकारियों के मुताबिक, मौत की वजह जहरीली गैस का रिसाव ही बताई जा रही है। सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कर्मचारियों के साथ क्या हुआ?
घटना के समय संयंत्र में काम कर रहे चार कर्मचारी अचानक बेहोश हो गए। जब गैस रिसाव का पता चला, तो तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान तीन कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य कर्मचारी की हालत भी गंभीर थी और कुछ घंटों बाद उसकी भी मौत हो गई। यह घटना क्षेत्रीय उद्योगों में कार्य करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करती है।
कंपनी और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद कंपनी के अधिकारियों ने इस हादसे पर खेद व्यक्त किया है और इस घटना की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है। वहीं, पुलिस प्रशासन ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि गैस रिसाव की वजह क्या थी और क्या कंपनी ने सुरक्षा मानकों का पालन किया था।
जांच जारी, सुरक्षा पर सवाल
पिछले कुछ सालों में भारत में रासायनिक संयंत्रों से जुड़े कई हादसे हुए हैं, जिससे कर्मचारी और आसपास के लोग प्रभावित हुए हैं। इस घटना ने एक बार फिर से रासायनिक संयंत्रों में सुरक्षा मानकों की अहमियत को उजागर किया है। ऐसे संयंत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को गैस लीक जैसे हादसों से बचाने के लिए कड़े सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
गुजरात के भरूच में घटित यह हादसा एक बड़ी त्रासदी है। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या रासायनिक संयंत्रों में सुरक्षा उपायों का सही तरीके से पालन किया जा रहा है? चार कर्मचारियों की मौत के बाद, यह जरूरी हो गया है कि प्रशासन और कंपनियां कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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