गया: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार से भी बड़ी संख्या में लोग महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज जा रहे हैं। इसके चलते बिहार के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ देखी जा रही है और यात्रियों को यात्राओं के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
गया जंक्शन पर यात्रियों का गुस्सा फूटा
पटना जंक्शन के बाद अब गया जंक्शन पर भी यात्रियों का गुस्सा उभर आया। मंगलवार की सुबह गया रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में यात्री इकट्ठा हो गए थे। यह भीड़ इतनी ज्यादा थी कि प्लेटफार्म पर खड़ा होना भी मुश्किल हो गया था। उसी दौरान हावड़ा से दिल्ली जाने वाली कालका मेल ट्रेन स्टेशन पर पहुंची, जो पहले से ही यात्रियों से भरी हुई थी। कई बोगियों के दरवाजे बंद होने के कारण यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने में मुश्किल हो रही थी। इस पर यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने ट्रेन में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
भीड़ के कारण यात्रियों को करना पड़ रहा है परेशानियों का सामना
स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल बन गया और कुछ समय तक स्थिति काबू से बाहर रही। यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की, चीखने-चिल्लाने की आवाजें गूंज रही थीं और लोगों का गुस्सा देखने को मिल रहा था। लगभग एक घंटे बाद रेल पुलिस ने किसी तरह से स्थिति को संभालने की कोशिश की और यात्रियों को शांत किया। लेकिन, इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि रेलवे स्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ के कारण यात्रियों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कम पड़ रही हैं स्पेशल ट्रेनें
महाकुंभ के मद्देनजर रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें तो चलाई हैं, लेकिन वे भी पर्याप्त नहीं हैं। गया से प्रयागराज के लिए चलने वाली दो कुंभ स्पेशल ट्रेनों में पांव रखने तक की जगह नहीं मिल रही है। इस कारण बुजुर्ग और महिलाओं को विशेष रूप से परेशानी हो रही है। खिड़की से भी लोग ट्रेन में घुसने की कोशिश कर रहे हैं और जैसे ही ट्रेन रुकती है, यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति बन जाती है। कई बार तो यात्रियों को किसी तरह से ट्रेन के अंदर चढ़ने में सफल हो पाने के बाद भी सीट नहीं मिल रही है।
महाकुंभ के दौरान रेल सेवा को लेकर उठ रहे सवाल
यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे प्रशासन को इस समस्या का समाधान शीघ्र करना होगा, ताकि यात्रियों को और अधिक परेशानी का सामना न करना पड़े। वर्तमान में जो ट्रेनें उपलब्ध हैं, वे भी समय पर नहीं चल पा रही हैं, जिससे यात्रियों को अधिक इंतजार करना पड़ रहा है। महाकुंभ के दौरान रेल सेवा को लेकर उठ रहे सवाल रेलवे के लिए एक गंभीर चुनौती बन गए हैं और इसे सुधारने की आवश्यकता है।
इस स्थिति ने यह भी स्पष्ट किया है कि यात्रा की समुचित व्यवस्था और पर्याप्त ट्रेनों की संख्या सुनिश्चित किए बिना, बड़े धार्मिक मेलों के दौरान रेलवे स्टेशनों पर यात्रा की स्थिति और भी अधिक जटिल हो सकती है। यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और समय पर यात्रा सुनिश्चित करना रेलवे प्रशासन की जिम्मेदारी बनता है।