सेंट्रल डेस्क: अमेरिकी बॉक्सिंग के लेजेंड, जॉर्ज फोरमैन का शुक्रवार, 21 मार्च 2025 को 76 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके परिवार ने इस दुखद घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। फोरमैन की जिंदगी सिर्फ बॉक्सिंग रिंग तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि उन्होंने समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनके निधन से खेल जगत और उनके फैंस में शोक की लहर है।
परिवार ने किया भावुक संदेश पोस्ट
जॉर्ज फोरमैन के परिवार ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट के माध्यम से उनके निधन की जानकारी दी। परिवार ने लिखा, “हमारा दिल टूट गया है, गहरे दुख के साथ हम अपने प्रिय जॉर्ज एडवर्ड फोरमैन सीनियर के निधन की घोषणा करते हैं, जो 21 मार्च 2025 को दुनिया से चले गए। वह एक समर्पित उपदेशक, एक प्रेममयी पति, प्यारे पिता, दादा और परदादा थे। उन्होंने जीवन को अटूट विश्वास, विनम्रता और उद्देश्य के साथ जीया।”
फोरमैन के परिवार ने यह भी कहा कि वह एक मानवतावादी, ओलंपियन और दो बार के हैवीवेट चैंपियन थे, जिन्हें दुनिया भर में सम्मानित किया गया। उनकी दृढ़ नायकता और संघर्ष ने न केवल बॉक्सिंग की दुनिया में बल्कि अपने परिवार के बीच भी एक प्रेरणा का काम किया। परिवार ने अपने प्रियजनों से गोपनीयता बनाए रखने की अपील की, ताकि वे जॉर्ज फोरमैन के असाधारण जीवन को सम्मान दे सकें।
19 साल की उम्र में जीता गोल्ड मेडल
जॉर्ज फोरमैन का जन्म 10 जनवरी 1949 को टेक्सास के मार्शल में हुआ था। उन्होंने अपनी पहली बड़ी उपलब्धि 1968 के मैक्सिको सिटी ओलंपिक में हासिल की, जहां सिर्फ 19 साल की उम्र में उन्होंने हैवीवेट बॉक्सिंग श्रेणी में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। उनके इस शानदार प्रदर्शन ने उन्हें पूरी दुनिया में पहचान दिलाई और उनकी बॉक्सिंग यात्रा की नींव रखी।
अपने करियर में रिकॉर्ड 76 जीत
अपने करियर के दौरान, फोरमैन ने कुल 81 मुकाबले लड़े। इसमें से 76 में उन्हें जीत हासिल हुई, जबकि केवल 5 मुकाबलों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनकी रिंग में पहचान ‘बिग जॉर्ज’ के नाम से थी, जो उनके विशाल आकार और अद्भुत शक्ति का प्रतीक था। फोरमैन ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक बड़े मुकाबले लड़े और कई बार वापसी की, जिससे उनकी उपलब्धियां और भी प्रतिष्ठित हो गईं।
फोरमैन ने 1997 में अपना आखिरी मुकाबला खेला, जब वह 48 वर्ष के थे। इसके बावजूद, वह 46 वर्ष की उम्र में सबसे उम्रदराज हैवीवेट चैंपियन बने और बॉक्सिंग इतिहास में अपनी एक खास जगह बनाई। उन्हें वर्ल्ड बॉक्सिंग हॉल ऑफ फेम और इंटरनेशनल बॉक्सिंग हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया, जो उनके करियर और योगदान को सम्मानित करने के रूप में था।
कभी रिंग के बाद एक उपदेशक बने
बॉक्सिंग के अलावा, जॉर्ज फोरमैन ने अपनी जीवन यात्रा को एक नए दिशा में मोड़ा। वह एक समर्पित उपदेशक बने और अपनी धार्मिक आस्थाओं को महत्व देते थे। उन्होंने कई बार बॉक्सिंग से रिटायरमेंट लिया, फिर वापसी की, लेकिन उनका दिल हमेशा समाज सेवा में रहा। वह न केवल बॉक्सिंग के मैदान में बल्कि अपने जीवन के अन्य पहलुओं में भी जीत के प्रतीक बने।