घाटशिला : हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की खदानों (HCL Mines) में अपार संभावनाएं छिपी हैं और इन्हें केवल तकनीकी उत्थान से ही विकास के मार्ग पर लाया जा सकता है। यह बात चिली की सार्वजनिक क्षेत्र की खनन कंपनी कोडेल्को के विशेषज्ञ प्रतिनिधिमंडल ने अपने तीन दिवसीय दौरे के बाद कही। भारत सरकार की पहल पर एचसीएल और कोडेल्को के बीच हुए तकनीकी सहयोग के समझौते के बाद कोडेल्को का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 29 जून को इंडियन कॉपर कॉम्प्लेक्स (आईसीसी) के दौरे पर घाटशिला पहुंचा।
तीन दिनों तक चले खदान निरीक्षण के बाद मंगलवार शाम एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता में कोडेल्को के भूविज्ञान और अन्वेषण विशेषज्ञ एंजेलो जियोवानी ग्यूसेप एगुइलर कैटलानो और जियोमेटलर्जी विशेषज्ञ सर्जियो जोनाथन पिचोट हेरिकेज ने बताया कि उन्होंने राखा, सुरदा और केंदाडीह खदानों का दौरा किया और यहां की क्षमताओं को देखकर काफी उत्साहित हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि एचसीएल की खदानों में ग्रेड काफी ऊंचा है और इनमें थोड़े से तकनीकी परिवर्तन कर बड़े पैमाने पर उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है। कोडेल्को की अत्याधुनिक खनन और ड्रिलिंग तकनीक के जरिए इन खदानों को पूरी तरह से आधुनिक रूप दिया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि कोडेल्को को खनन क्षेत्र में पचास वर्षों से अधिक का अनुभव है और अब दोनों कंपनियां मिलकर अनुसंधान, विकास और तकनीकी सहयोग पर काम करेंगी। खदानों के भीतर की पर्यावरणीय स्थिति भी बेहतर है, जो विकास की संभावनाओं को और प्रबल बनाती है।
इस अवसर पर आईसीसी के यूनिट हेड श्याम सुंदर सेठी ने कहा कि कोडेल्को के प्रतिनिधियों का दौरा तांबा उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित होगा। कोडेल्को की तकनीक दुनिया भर में खनन के क्षेत्र में अग्रणी मानी जाती है, और इसका लाभ हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड को सीधे तौर पर मिलेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि खदान विस्तार (HCL Mines) की दिशा में एचसीएल प्रबंधन गंभीरता से कार्य कर रहा है, जो आने वाले वर्षों में उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा। कोडेल्को की तकनीकी मदद से खनन कार्यों में दक्षता के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन भी बेहतर बनाया जा सकेगा।
गौरतलब है कि यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट की मौजूदगी में एचसीएल और कोडेल्को के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते के बाद आयोजित किया गया है। इस समझौते का उद्देश्य खनन, अन्वेषण, खनिज संसाधन विकास के साथ-साथ कर्मचारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सहयोग करना है।
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