बेगूसराय/पटना: केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने वक्फ बिल 2025 को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा और इस बिल के खिलाफ दिए गए बयानों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दोनों नेता वोटबैंक की राजनीति के लिए गरीब और पसमांदा मुस्लिमों के हितों की अनदेखी कर रहे हैं।
मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता सरकार को घेरा
मुर्शिदाबाद में वक्फ बिल के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन पर गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि
“मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा ममता बनर्जी की नाकाम कानून व्यवस्था और तुष्टिकरण की राजनीति का परिणाम है। राष्ट्रीय राजमार्ग जाम हुआ, पुलिस पर पत्थरबाजी हुई, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया, लेकिन ममता सरकार मूकदर्शक बनी रही।”
प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर हमले, वाहनों में आगजनी और राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को अवरुद्ध करने की घटनाएं सामने आई थीं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा था।
तेजस्वी यादव पर वक्फ बिल विरोध को लेकर किया पलटवार
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी तो वक्फ बिल को “कूड़ेदान में फेंक देंगे”, गिरिराज सिंह ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा- “तेजस्वी यादव पसमांदा मुस्लिमों और गरीब महिलाओं के हक को छीनना चाहते हैं। यह बिल पारदर्शिता, जवाबदेही और न्याय सुनिश्चित करता है। लेकिन तेजस्वी को सिर्फ वोटबैंक की राजनीति नजर आती है।”
“बिल संसद से पास हो चुका, कोई रोक नहीं सकता” – गिरिराज
गिरिराज सिंह ने जोर देकर कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक 2025 संसद से पारित हो चुका है और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का सही और पारदर्शी प्रबंधन सुनिश्चित करना है। उन्होंने यह भी कहा: “यह कानून गरीब मुस्लिमों की जमीन और अधिकार को माफिया से बचाने का काम करेगा। इसे कोई सरकार या नेता रोक नहीं सकता।”
वक्फ बिल 2025 क्या है?
वक्फ बिल 2025 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। इसमें संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग, ऑनलाइन रिकॉर्ड, और बोर्ड की नियुक्तियों में बदलाव जैसे प्रावधान शामिल हैं। इस बिल को लेकर कुछ मुस्लिम संगठनों और विपक्षी नेताओं ने आशंका जताई है कि यह धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप है, जबकि सरकार इसे सुधारात्मक कदम बता रही है।