RANCHI (JHARKHAND): केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने झारखंड की हेमंत सरकार और कांग्रेस पार्टी पर गुरुवार को जमकर निशाना साधा। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि वंशवाद और लोकतंत्र एक-दूसरे के पूरक नहीं हो सकते। उन्होंने 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताते हुए कहा कि कांग्रेस को इसके लिए पूरे देश में माफी सभा आयोजित करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने न्यायालय के आदेश के बाद भी सत्ता नहीं छोड़ी और लोकतंत्र की हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी सत्ता की लोलुपता और वंशवाद की उपज थीं। आपातकाल में लाखों लोगों को बिना कारण जेल में डाला गया, मस्जिदों को नहीं बख्शा गया और जबरन नसबंदी जैसे अमानवीय कार्य किए गए।
उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस संविधान बचाने की बात करती है। लेकिन उसी पार्टी ने लोकतंत्र को रौंदा था। उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए और नौजवानों को भी कांग्रेस के असली चेहरे से परिचित होना चाहिए। हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए गिरिराज सिंह ने झारखंड को जमाई टोला बताते हुए कहा कि यह राज्य बारूद के ढेर पर बैठा है। उन्होंने कहा कि सरकार घुसपैठियों को संरक्षण देकर आदिवासियों के अस्तित्व को खतरे में डाल रही है। पेसा कानून अब तक लागू नहीं किया गया है, जो आदिवासी अधिकारों की रक्षा करता है।
गिरिराज सिंह ने कहा कि देश से घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन झारखंड में उनके लिए रेड कार्पेट बिछाया जा रहा है। इससे आदिवासी आबादी में गिरावट आ रही है, जो राज्य की सामाजिक संरचना के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के युवाओं को अब दलगत राजनीति से ऊपर उठकर झारखंड को बचाने की लड़ाई लड़नी होगी, क्योंकि हेमंत सरकार सत्ता के लोभ में आपातकाल से भी अधिक खतरनाक खेल खेल रही है।
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