रांची : रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में रविवार रात एक दुखद घटना घटी। हॉस्टल नंबर चार की तीसरी मंजिल से कूदकर पीजी द्वितीय वर्ष के छात्र डॉ. आकाश भेंगरा की मौत हो गई। इस घटना में उनके साथ पल्लवी नामक युवती भी घायल हुई हैं, जिसकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
प्रेम प्रसंग के बीच विवाद
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि डॉ. आकाश और पल्लवी के बीच लंबे समय से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। यह भी कहा जा रहा है कि दोनों में किसी मामले को लेकर मतभेद हुआ, जिसके चलते उसने तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। डॉ. आकाश की पढ़ाई पहले से ही रांची में हुई थी, जबकि पल्लवी के बारे में ज्यादा जानकारी अभी प्राप्त नहीं हो पाई है।
घटना का समय और तात्कालिक प्रतिक्रिया
जानकारी के अनुसार, दोनों के गिरने से तेज आवाज हुई थी, जिसके बाद सुरक्षा कर्मी और कई जूनियर डॉक्टर मौके पर पहुंचे। दोनों को फौरन ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। वहां डॉ. आकाश को गंभीर स्थिति में भर्ती किया गया। उसकी स्थिति को देखते हुए दूसरी जगह रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान रविवार रात 12.10 बजे मृत्यु हो गई।
पुलिस और डॉक्टरों की सक्रियता
घटना की सूचना मिलने पर बरियातू थाने के थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने टीम के साथ ट्रॉमा सेंटर का दौरा किया। रिम्स जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के कई सदस्य भी वहां पहुंचे और मामले की जानकारी ली।
अफरा-तफरी का माहौल
छात्रावास में डॉ. आकाश की संदिग्ध स्थिति से गिरने की जानकारी मिलने पर छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के बीच अफरा-तफरी मच गई। सभी हड़बड़ी में इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, जहां डॉ. आकाश को सीपीआर दिया गया।
पल्लवी का उपचार
पल्लवी के कंधे में गहरी चोट लगी है, लेकिन एमआरआई और सीटी स्कैन रिपोर्ट के अनुसार वह खतरे से बाहर है।
पहले भी हो चुकी है घटना
गौरतलब है कि रिम्स में एफएमपी विभाग के सेकंड ईयर के छात्र डॉ.मधन ने पिछले साल नवंबर में छात्रावास संख्या पांच की छत से शरीर में आग लगाकर नीचे छलांग लगा दी थी। बरियातू पुलिस ने बाद में छात्र का अधजला शव बरामद किया था। मृत छात्र तमिलनाडु का रहने वाला था और छात्रावास संख्या पांच में कमरा नंबर 79 में रहकर पढ़ाई कर रहा था।
शव मिलने के बाद आरंभिक छानबीन में पुलिस को शव की शिनाख्त करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जिसके बाद शव की जांच के लिए फॉरेंसिंक टीम को बुलाया गया था। जांच में छात्रावास की छत पर जले हुए इंजन आयल से सने डॉ. मधन के पैरों के निशान मिले थे। इसके बाद संदेह जाहिर किया गया था कि उसने छात्रावास की छत पर पहुंच कर पहले शरीर में आग लगाई, इसके बाद नीचे कूद गया होगा।