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Gorakhpur News: शहर की हवा सुधरी, AQI गिरकर 68 पर पहुंचा, जानिए कैसे हुआ मुमकिन

शहर में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत नगर निगम द्वारा सड़कों की नियमित सफाई और धूल नियंत्रण के साथ कचरा प्रबंधन में सुधार और निर्माण/विध्वंस कार्यों में निगरानी की जा रही है।

by Anurag Ranjan
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गोरखपुर : शहर की वायु गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार देखने को मिला है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) और लगातार हो रही हल्की बारिश की वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में उल्लेखनीय गिरावट आई है। मई 2025 में गोरखपुर का औसत AQI 68 दर्ज किया गया, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में काफी बेहतर है।

गोरखपुर में क्यों सुधरी हवा?

शहर में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत नगर निगम द्वारा सड़कों की नियमित सफाई और धूल नियंत्रण के साथ कचरा प्रबंधन में सुधार और निर्माण/विध्वंस कार्यों में निगरानी की जा रही है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए नियमित चेकिंग और जन जागरूकता अभियान चलाया गया है। गीडा, गोलघर और MMUT जैसे इलाकों में वायु गुणवत्ता निगरानी यंत्रों की स्थापना की गई।

मई 2025 में वायु गुणवत्ता का हाल

क्षेत्रAQI रेंज
MMUT परिसर46 – 62
गीडा (औद्योगिक क्षेत्र)75 – 90
गोलघर (व्यावसायिक क्षेत्र)60 – 83

मई महीने का औसत AQI 68 रहा, जबकि मई 2024 में यह 80.75 और मई 2023 में 231.82 रहा था।

वर्षऔसत AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक)
2023187
202491
2025 (जनवरी–मई)98 (अब तक)

क्या है नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP)

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) भारत सरकार की एक राष्ट्रीय योजना है जो 2019 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य PM10 और PM2.5 जैसे खतरनाक कणों के स्तर में 20-30% की कमी लान है।

गोरखपुर इस योजना के अंतर्गत आने वाले 131 शहरों में से एक है, जहां NCAP के तहत यह कार्य किए जा रहे हैं:

  • धूल नियंत्रण अभियान
  • वाहन प्रदूषण की निगरानी
  • निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव
  • जनभागीदारी और जनजागरूकता अभियान

“नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त पहल और मौसम का साथ मिलने से गोरखपुर की हवा साफ हुई है। आगामी महीनों में और सुधार की उम्मीद है।”

-सत्येंद्र नाथ यादव, सहायक वैज्ञानिक, पर्यावरण विभाग, MMMUT

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