गोरखपुर : एक ओर जहां गोरखपुर को स्मार्ट सिटी के तहत अत्याधुनिक बनाने की कवायद जारी है, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक जाम ने शहरवासियों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। अतिक्रमण, अनियंत्रित वाहन पार्किंग और लचर ट्रैफिक व्यवस्था के कारण गोरखपुर की ट्रैफिक समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है।
स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत गोरखपुर में सड़क चौड़ीकरण, ओवरब्रिज, अंडरपास और सिग्नल व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि महज 100 मीटर की दूरी तय करने में लोगों को 15 से 20 मिनट का समय लग रहा है।
यह स्थिति केवल समय की बर्बादी नहीं है, बल्कि इससे वायु प्रदूषण, ईंधन की खपत और मानसिक तनाव भी तेजी से बढ़ रहा है।
किन इलाकों में लगता है सबसे ज्यादा जाम?
नौसड चौराहा: लखनऊ की ओर से गोरखपुर में प्रवेश करते ही नौसड चौराहे पर सुबह और शाम को भारी जाम लगता है। सुबह का समय ऑफिस और स्कूल आवागमन का होता है, जिस कारण यहां घंटों जाम लगना आम हो गया है।
मोहद्दीपुर चौराहा: कुशीनगर की तरफ से आने वाले वाहन यहां अक्सर फंस जाते हैं। सड़क पर पार्क वाहनों और ठेले वालों की वजह से लेन बाधित रहती है।
गोरखनाथ ओवरब्रिज क्षेत्र: नेपाल की ओर से आने वाले वाहनों को गोरखनाथ ओवरब्रिज पार करते समय जाम का सामना करना पड़ता है। यहां ब्रिज के नीचे की सड़कें अतिक्रमण और ट्रैफिक सिग्नल की कमी से प्रभावित हैं।
खजांची चौराहा: महराजगंज दिशा से आने वाले वाहन यहां फंस जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस की गैरमौजूदगी और अनियमित पार्किंग के चलते यहां रोजाना अव्यवस्था बनी रहती है।
गोरखपुर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड: शहर का सबसे अधिक व्यस्त क्षेत्र। बसों की अवैध पार्किंग, ऑटो का मनमाना संचालन और सड़कों पर ठेले के कारण यह इलाका हमेशा ठहराव में रहता है।
गोलघर चौराहा: गोरखपुर का दिल कहा जाने वाला गोलघर दिन भर जाम की गिरफ्त में रहता है। मॉल, बाजार और अवैध स्टॉल ने सड़कों को संकुचित कर दिया है।
ट्रैफिक जाम के मुख्य कारण
- अतिक्रमण और फुटपाथ पर कब्जा
- बिना अनुमति के वाहन पार्किंग
- ट्रैफिक पुलिस की निगरानी में कमी
- सार्वजनिक परिवहन का अनियंत्रित संचालन
- निर्माण कार्यों के कारण सड़क संकरी होना
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