ढाकाः 9 दिसंबर, सोमवार की सुबह भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री बांग्लादेश पहुंचे। अपने दौरे के दौरान वे भारत-बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंध सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के 15 साल के शासनकाल का अंत होने के बाद में अगस्त में हुए बड़े विद्रोह के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री का यह पहला दौरा है।
सोमवार को एक दिवसीय यात्रा पर ढाका पहुंचे मिस्री हसीना के अपदस्थ होने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर नई दिल्ली और ढाका के बीच संबंधों में बढ़ते तनाव के मद्देनजर बात कर सकते हैं। वह अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद जाशिम उद्दीन के साथ व्यापक बातचीत करेंगे और देश के वास्तविक विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन से भी मुलाकात करेंगे।
उम्मीद की जा रही है कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर भारत की चिंताओं को ढाका के समक्ष उठाएंगे। गौरतलब है कि भारत और बांग्लादेश के करीबी संबंधों में उस वक्त तनाव आ गया था, जब अगस्त में शेख हसीना को बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस, शेख हसीना के भारत में शरण लेने के कुछ दिनों बाद सत्ता में आए थे। हिंदुओं पर हमलों और हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हाल के हफ्तों में संबंधों में तल्खी आई।
पिछले कुछ हफ्तों में पड़ोसी देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के साथ-साथ मंदिरों पर हमलों की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसने नई दिल्ली में गहरी चिंता पैदा कर दी है। दोनों देशों की ओर से लंबे समय से विवाद चल रहा है।