मनोरंजन डेस्क : आजकल जिस वेबसीरीज की बात हर जगह हो रही है, वह है ‘पंचायत’। इस शो ने न केवल अपनी कहानी से, बल्कि अपने पात्रों से भी दर्शकों का दिल जीता है। शो में एक ऐसा किरदार है, जिसे लोग खासतौर पर पसंद करते हैं और वह है ‘बिनोद’। इस किरदार को निभाने वाले अभिनेता अशोक पाठक ने अपनी अदाकारी से लोगों को अपना दीवाना बना लिया है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि अशोक की इस सफलता की कहानी आसान नहीं थी। उनका जीवन संघर्ष और मेहनत से भरा हुआ था।
कॉलेज में मिली दिशा, एक्टिंग से शुरू हुआ सफर
अशोक पाठक का जन्म बिहार में हुआ था, लेकिन उनकी बड़ी पहचान हरियाणा में बनी। अशोक के पिता चाहते थे कि वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें, लेकिन उनका दिल पढ़ाई में नहीं लगता था। वह हमेशा कुछ अलग करना चाहते थे। अशोक ने 12वीं कक्षा 40 फीसदी अंकों से पास की थी और उसके बाद किसी तरह से एक कॉलेज में प्रवेश लिया। यही वह पल था, जब उनकी जिंदगी में एक नया मोड़ आया।
कॉलेज में अशोक को थिएटर के बारे में पता चला और उन्होंने इसमें दिलचस्पी दिखानी शुरू की। धीरे-धीरे उन्होंने एक्टिंग में अपनी पहचान बनानी शुरू की। कॉलेज में रहते हुए वह कई थिएटर प्रोडक्शन का हिस्सा बने और एक्टिंग के क्षेत्र में कई अवॉर्ड भी जीते। इस दौरान उनका आत्मविश्वास बढ़ा और वह जान गए कि उनकी मंजिल जुनून एक्टिंग ही है।
पहली फिल्म और कठिन संघर्ष
कॉलेज में एक्टिंग की ट्रेनिंग लेने के बाद, अशोक ने लखनऊ में एक एक्टिंग एकेडमी ज्वाइन की और वहां तीन साल बिताए। इस दौरान उनका अभिनय कौशल और भी निखर गया। इसके बाद उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाने का मौका मिला। 2012 में उन्हें फिल्म ‘शूद्र द राइजिंग’ के लिए ऑडिशन दिया, जिसमें उन्हें पहली फिल्म का मौका मिला। यह फिल्म खास तौर पर स्टॉक रील पर शूट की गई थी, जिसमें कलाकारों को एक या दो टेक में ही अपना अभिनय करना होता है।
अशोक ने इस फिल्म में अपने अभिनय से खूब सराहना बटोरी। इस फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल में भी स्टैंडिंग ओवेशन मिला था। इस फिल्म में उनके साथ राधिका आप्टे भी थीं और उनकी भूमिका ने उन्हें दर्शकों से जबरदस्त प्रशंसा दिलाई।
100 रुपये से 1 लाख 40 हजार तक का सफर
अशोक ने अपने शुरुआती संघर्ष के बारे में बात करते हुए बताया कि उनकी पहली कमाई 9वीं कक्षा में हुई थी, जब उन्होंने रुई बेचना शुरू किया था और इस काम से उन्हें 100 रुपए मिले थे। इसके बाद, साल 2011 में जब वह मुंबई पहुंचे, तो उनके जीवन में एक और बड़ा बदलाव आया। कुछ महीनों बाद ही उन्हें डॉमिनोज पिज्जा के एक एड शूट का ऑफर मिला, जिसके लिए उन्हें 1 लाख 40 हजार रुपये की रकम मिली। इस कमाई को लेकर अशोक ने कहा कि यह देखकर वह बिल्कुल चकित रह गए थे और उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि इस छोटे से सफर ने उन्हें इतनी बड़ी रकम दिलाई थी।
‘पंचायत’ में बिनोद का किरदार और सफलता
अशोक पाठक के लिए यह सफर यहीं खत्म नहीं हुआ। ‘पंचायत’ के तीसरे सीजन में उनके द्वारा निभाया गया ‘बिनोद’ का किरदार हर किसी के दिल में बस गया। यह किरदार अपने सरल और भोलेपन के लिए जाना जाता है, और दर्शक इस किरदार से खासा जुड़ाव महसूस करते हैं। बिनोद का किरदार आज एक सोशल मीडिया मेमे बन चुका है, जो शो की लोकप्रियता का प्रमाण है। अशोक ने इस शो में अपनी अदाकारी से साबित कर दिया कि मेहनत और संघर्ष के बाद सफलता जरूर मिलती है। उनके जीवन की यह कहानी यह सिखाती है कि अगर जुनून और संघर्ष सच्चे हों तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।