18 सितंबर को एक्ट्रेस शबाना आज़मी उम्र के अगले पड़ाव में दाखिल हो चुकी हैं। आज वे 74 साल की हो गई हैं। इस खास मौके पर आइये बताते हैं शबाना की जिंदगी से जुड़ा वो किस्सा जब उन्होंने गुस्से में अपनी जान देने की कोशिश की थी। इस घटना का जिक्र शबाना की मां शौकत आज़मी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘कैफ एंड आई मेमॉयर’ में किया था। उन्होंने शबाना के बचपन की कड़वी यादों को अपनी किताब के पन्ने में पनाह दी है।
शौकत ने ऑटोबायोग्राफी में शबाना की जिंदगी में उसके छोटे भाई बाबा के आने से जो बदलाव हुआ उसपर बात की है। उस वक्त शबाना 9 साल की थी और बाबा 6 साल के थे। वे लिखती हैं, “शबाना को लगता था कि मैं, बाबा (शबाना के छोटे भाई) को उससे ज्यादा प्यार करती हूं। इस बात में कुछ सच्चाई भी थी, क्योंकि बाबा के आने से खय्याम (शौकत और कैफी का पहला बेटा, जिसकी डेथ हो चुकी थी) की कमी पूरी हुई थी। एक सुबह मैं शबाना और बाबा को नाश्ता करा रही थी। मैंने शबाना की प्लेट से एक टोस्ट उठाया और कहा- बेटी, बाबा की बस जल्दी आ जाएगी, इसलिए मैं तुम्हारा टोस्ट उन्हें दे रही हूं। तुम्हारे पास अभी समय है। मैंने नौकर को कुछ ब्रेड लेने को भेजा और शबाना ने चुपचाप नाश्ते की टेबल छोड़ दी।’
‘जब नौकर लौटा तो मैंने शबाना को आवाज दी पर वो कहीं दिखाई नहीं दी। फिर मैंने बाथरूम से उसके रोने की आवाज सुनी और वहां भागी। उसने मुझे देखा और जल्दी-जल्दी आंसू पोंछकर स्कूल चली गई। स्कूल पहुंचकर शबाना ने वहां की लेबोरेट्री में कुछ नीला पदार्थ (कॉपर सल्फेट) खा लिया।’ यह पहली बार था जब शबाना गुस्से में अपनी जान लेने की कोशिश की थी। हालांकि, शबाना को कुछ हुआ नहीं पर शौकत को उसकी इस हरकत की वजह पता चल गई। शबाना की दोस्त परना ने उन्हें (शौकत को) बताया कि शबाना को लगता है कि वे उससे ज्यादा बाबा को प्यार करती हैं।
जब स्कूल के चौकीदार ने शबाना को ट्रेन के नीचे आने से बचाया
दूसरी दफा शबाना ने ट्रेन के नीचे आकर सुसाइड करने की कोशिश की थी। उस वक्त भी शबाना काफी छोटी थीं। शौकत अपनी किताब में लिखती हैं, ‘मुझे एक और घटना याद है, जब मैंने उसके रूखे व्यवहार के कारण उसे घर से निकल जाने के लिए कह दिया था। तब मुझे पता चला ग्रांट रोड रेलवे स्टेशन पर शबाना ने ट्रेन के आगे आने की कोशिश की। किस्मत से उसके स्कूल का चौकीदार वहीं मौजूद था। उसने ‘बेबी…बेबी क्या कर रही हो’ कहते हुए उसे खींच लिया। शबाना दूसरी बार भी बच गई, लेकिन मैं परेशान हो गई थी। तब मैंने फैसला किया कि शबाना को घर से जाने के लिए कहने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा।’
पद्म श्री-पद्म भूषण से सम्मानित हैं शबाना
ये वही शबाना हैं, जिनको आज हम उनकी बेहतरीन फिल्मों, उनके अभिनय के लिए जानते हैं। फिल्म, टीवी, थिएटर, शबाना अपने टैलेंट से हर किरदार में जान डाल देती हैं। फिल्मी करियर में पांच दशक से ज्यादा वक्त दे चुकीं शबाना को उनके अभिनय के लिए काफी सराहना मिली है। इतना ही नहीं, उनके खाते में पांच नेशनल अवार्ड, पद्म श्री, पद्म भूषण भी शामिल हैं। उनकी कुछ उम्दा फिल्मों में अर्थ, अंकुर, गॉडमदर, स्पर्श, मासूम, मंडी, फायर, पार, मिर्च मसाला आदि का नाम गिना जाता है।