नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कैग रिपोर्ट पर दिल्ली हाई कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट की फटकार से यह स्पष्ट हो गया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार जानबूझकर कैग की 14 रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश नहीं कर रही है।
कैग रिपोर्ट पेश न करने पर हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
गुप्ता ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि कैग रिपोर्ट को सदन में पेश करने में दिल्ली सरकार की आनाकानी दुर्भाग्यपूर्ण है। 11 जनवरी को विधानसभा सचिवालय ने यह तर्क दिया था कि इन रिपोर्ट्स को सदन में रखने का कोई फायदा नहीं है। भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा, लेकिन सरकार ने अब तक रिपोर्ट पेश नहीं की है।
भ्रष्टाचार छुपाने की कोशिश का आरोप
गुप्ता ने कहा कि कैग रिपोर्ट्स में स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय प्रबंधन और प्रदूषण जैसे मुद्दों पर सरकार की कार्यशैली का लेखा-जोखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार इन रिपोर्ट्स में छिपे भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं को जनता से छुपाने का प्रयास कर रही है।
भाजपा ने कोर्ट में दोबारा उठाया मामला
भाजपा विधायकों ने इस मामले को फिर से कोर्ट में उठाया और मांग की कि सरकार को कैग रिपोर्ट सदन पटल पर रखने का आदेश दिया जाए। गुप्ता ने कहा कि कोर्ट के डर से ही सरकार ने पहले इन रिपोर्ट्स को उपराज्यपाल और फिर स्पीकर को भेजा, लेकिन सदन में पेश नहीं किया।
“पारदर्शिता के नाम पर धोखा”
गुप्ता ने आप सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग पारदर्शिता और ईमानदारी का दावा करते थे, वही अब अपनी कारगुजारियों को छुपाने के लिए कैग रिपोर्ट्स को दबा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे कुछ लोग सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं और खजाने को लूट रहे हैं।