रांची : झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को होमगार्ड जवानों को समान काम के बदले समान वेतन देने के मामले पर सुनवाई हुई। इस दौरान सिर्फ गृह सचिव वंदना दादेल कोर्ट में उपस्थित हुईं, जबकि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कोर्ट में सशरीर हाजिर नहीं हुए। कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
हाई कोर्ट का कड़ा आदेश
हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की बेंच में सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को 7 जनवरी को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर अगले आदेश पर भी अनुपालन नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले, राज्य सरकार को 25 अगस्त 2017 से होमगार्ड जवानों को पुलिसकर्मियों के समान वेतन देने का आदेश दिया गया था, साथ ही दो माह में एरियर का भुगतान भी करने का निर्देश दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का भी निर्णय
इस मामले में झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय प्रसाद ने अवमानना याचिका दायर की है। प्रार्थियों का कहना है कि होमगार्ड जवान पुलिसकर्मियों के समान कार्य करते हैं और इसलिए उन्हें भी समान वेतन और लाभ मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस मामले में राज्य सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया था, और हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था। यह मामला झारखंड सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों के अनुपालन से जुड़ा हुआ है, और अब इस मुद्दे पर झारखंड हाई कोर्ट का अगला निर्णय महत्वपूर्ण होगा।
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