- झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई
रांची : झारखंड हाईकोर्ट में मनरेगा घोटाले मामले में आरोपी निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में उन्होंने अभियोजन स्वीकृति न मिलने का हवाला देकर उनके खिलाफ दर्ज केस को निरस्त करने की मांग की है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका में क्या है?
प्रार्थी की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि भारतीय दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197 के तहत किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ आपराधिक केस चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति जरूरी है। ईडी ने बिना स्वीकृति के मामला दर्ज किया, जो नियमों के खिलाफ है। इसलिए मनरेगा घोटाले में दर्ज केस को रद्द किया जाए।
आरोपियों की सूची
मनरेगा घोटाले में पूजा सिंघल समेत सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
ये हैं आरोपी
पूजा सिंघल (निलंबित आईएएस अधिकारी)
अभिषेक झा (पूजा सिंघल के पति)
सुमन सिंह (सीए)
राम विनोद सिन्हा (तत्कालीन कनीय अभियंता)
राजेंद्र जैन (तत्कालीन सहायक अभियंता)
जय किशोर चौधरी (तत्कालीन कार्यपालक अभियंता)
शशि प्रकाश (तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, खूंटी विशेष प्रमंडल)
ईडी की जांच और खुलासे
प्रवर्तन निदेशालय ने 200 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें आरोप लगाया गया कि चतरा, खूंटी और पलामू जिलों के उपायुक्त (डीसी) रहते हुए पूजा सिंघल के बैंक खातों में उनकी वेतन आय से 1.43 करोड़ रुपये अधिक राशि पाई गई।
खूंटी में मनरेगा घोटाला
घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच हुआ।
उस समय पूजा सिंघल खूंटी की डीसी थीं।
ईडी ने उनके सरकारी और निजी आवासों, पति अभिषेक झा और सीए सुमन सिंह के 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
सुमन सिंह के घर से 19.31 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे।
कोर्ट का निर्देश
कोर्ट ने ईडी को चार सप्ताह में इस मामले पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।