रांची / जमशेदपुर : झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को नाला विधानसभा सीट से विधायक और विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी हो गयी। यह याचिका संतोष हेंब्रम ने दायर की थी। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। यह मामला झारखंड की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है, और हाईकोर्ट के आदेश पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
दोनों पक्ष की ओर से हुई गवाही
सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मुकेश कुमार दुबे ने पैरवी की, जबकि विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की ओर से अधिवक्ता अरविंद लाल व अनिल कुमार ने दलीलें पेश कीं। इस मामले में प्रार्थी की तरफ से तीन गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई, जबकि प्रतिवादी रवींद्रनाथ महतो समेत कुल 12 गवाहों की गवाही हुई। दोनों पक्षों के गवाहों की गवाही और प्रस्तुत सबूतों के आधार पर अदालत में गहन बहस हुई।
फैसला सुरक्षित
इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें और गवाही सुनने के बाद झारखंड हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब इस मामले पर न्यायालय के अंतिम निर्णय का इंतजार है, जो यह तय करेगा कि रवींद्रनाथ महतो का निर्वाचन वैध है या नहीं।
क्या है याचिका में
याचिकाकर्ता संतोष हेंब्रम ने आरोप लगाया है कि रवींद्रनाथ महतो ने विधानसभा चुनाव के दौरान एक पेम्फलेट (पर्चा) छपवाया था, जिसमें उनके खिलाफ गलत प्रचार किया गया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस दुष्प्रचार के कारण उनका जनाधार प्रभावित हुआ और उनकी चुनावी स्थिति कमजोर हो गई। उन्होंने मांग की है कि इस आधार पर रवींद्रनाथ महतो का निर्वाचन रद्द किया जाय।