रांची : झारखंड हाई कोर्ट में भूमि अधिग्रहण विस्थापित और पुनर्वास किसान समिति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या पूर्व में दिए गए आदेशों का पालन किया गया है। जब अदालत को बताया गया कि आदेश का अनुपालन अब तक नहीं किया गया है, तो उच्च न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य की मुख्य सचिव को अवमानना का नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।
खनन विभाग में एक ही व्यक्ति को दो अलग-अलग पदों पर रखना गलत
याचिका में खनन विभाग में एक ही व्यक्ति को दो अलग-अलग पदों पर रखने को नियम विरुद्ध करार दिया गया है। याचिका में राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि इस प्रकार की नियुक्तियां सरकारी नियमों का उल्लंघन करती हैं और इससे कर्मचारियों की कार्यकुशलता पर भी असर पड़ता है।
चीफ जस्टिस की बेंच में हुई मामले की सुनवाई
इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच में हुई, जिसमें प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभय मिश्रा ने अपना पक्ष रखा। मिश्रा ने अदालत को बताया कि पहले दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया गया और राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। अदालत ने इस पर असंतोष जताते हुए मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी करने का निर्णय लिया। कोर्ट का यह कदम सरकार की ओर से आदेशों की अवहेलना को लेकर एक कड़ा संदेश है। अदालत का कहना है कि यदि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया जाता है तो इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
सुर्खियों में है यह मामला
यह मामला इस समय सुर्खियों में है क्योंकि इससे न केवल भूमि अधिग्रहण और विस्थापित किसानों के अधिकारों का सवाल जुड़ा हुआ है, बल्कि सरकारी नीतियों के पालन में भी गंभीर सवाल उठते हैं। सरकार के लिए यह अवसर है कि वह अपनी नीतियों और कार्यप्रणालियों पर पुनः विचार करे और अदालत के आदेशों को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए। यह सुनवाई और अदालत के कड़े कदम को राज्य में अन्य विभागों के लिए भी एक चेतावनी माना जा रहा है कि किसी भी स्थिति में अदालत के आदेशों की अवहेलना नहीं की जानी चाहिए। अदालत ने इस मामले में सुनवाई को आगामी तारीख तक स्थगित किया है और उम्मीद जताई है कि सरकार इस मामले में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करेगी।