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RIMS NEWS : रिम्स में बन रहा हाईटेक टीबी लैब, एमडीआर से ग्रसित मरीजों की होगी पहचान

by Vivek Sharma
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VIVEK SHARMA 

रांची: टीबी को जड़ से खत्म करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग रेस है। इसके तहत लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में एक अत्याधुनिक टीबी लैब का निर्माण किया जा रहा है। यह लैब न केवल आधुनिक तकनीकों से लैस होगी, बल्कि इसका उद्देश्य मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट (एमडीआर) टीबी मरीजों की पहचान को तेज और सटीक बनाना भी है। इसके अलावा टीबी के अन्य जांच भी एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगा। इस प्रोजेक्ट पर कुल 2.1 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे है।

एक बार में 150 सैंपल टेस्ट 

हाईटेक लैब में एक साथ 150 सैंपल की जांच करने की क्षमता है। यह मशीनें जीन एक्सपर्ट और अन्य आधुनिक तकनीकों से लैस होंगी, जो टीबी के जीन और दवा प्रतिरोध क्षमता की पहचान करने में सक्षम होंगी। अब तक एमडीआर टीबी की जांच में कई दिन लग जाते थे, लेकिन इस लैब के शुरू होने से समय की बचत होगी और मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा। वहीं जांच के लिए लोगों को कहीं भी भटकने की जरूरत नहीं होगी। 

बीच में दवा छोड़ना पड़ रहा भारी

एमडीआर टीबी के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि कई मरीज इलाज के दौरान दवा का कोर्स को बीच में ही छोड़ देते हैं। जब टीबी का इलाज अधूरा छोड़ दिया जाता है, तो बैक्टीरिया दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं और फिर दवाओं का उन पर असर नहीं होता। ऐसे मरीजों का इलाज अधिक जटिल और महंगा हो जाता है। वहीं मरीजों का इलाज लंबा चलता है। इसके लिए एमडीआर टीबी टेस्ट कराना जरूरी होता है। 

जागरूकता से बढ़ी मरीजों की संख्या

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मरीजों में जागरूकता बढ़ने के चलते सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्रों में टीबी के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पहले राज्य का सबसे बड़ा टीबी लैब इटकी टीबी सेनेटोरियम में था, लेकिन अब रिम्स में बनने वाला यह नया लैब न केवल सुविधाओं के लिहाज से बेहतर होगा, बल्कि यहां जांच की रफ्तार भी कहीं ज्यादा तेज होगी।

2025 में टीबी को खत्म करना लक्ष्य

स्वास्थ्य विभाग ने टीबी को 2025 तक खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए न केवल आधुनिक सुविधाएं तैयार की जा रही हैं, बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो यदि कोई व्यक्ति लगातार दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार और वजन घटने जैसी समस्याओं से जूझ रहा हो तो उसे तुरंत टीबी की जांच करानी चाहिए। इससे तत्काल मरीज का इलाज शुरू होगा। साथ ही अन्य लोगों को चपेट में आने से भी रोका जा सकता है।

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