प्रयागराज: वैष्णव किन्नर अखाड़ा में सोमवार को एक ऐतिहासिक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें हिमांशी और आनंदी को महंत की उपाधि प्रदान की गई। यह उपाधि वैष्णव किन्नर अखाड़ा की श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर साध्वी अमरजीत सखी द्वारा उन्हें तिलक कर दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अखाड़े के सदस्य और अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
महामंडलेश्वर साध्वी अमरजीत सखी का नेतृत्व
इस समारोह में साध्वी अमरजीत सखी की भूमिका प्रमुख रही। उल्लेखनीय है कि प्रयागराज में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में साध्वी अमरजीत का पट्टाभिषेक वैष्णव किन्नर अखाड़ा के जगतगुरु हिमांगी सखी मां के सानिध्य में महामंडलेश्वर के रूप में हुआ था। आज के कार्यक्रम में उन्होंने अखाड़े के विस्तार और सशक्तिकरण के उद्देश्य से हिमांशी और आनंदी को महंत की उपाधि देकर नई जिम्मेदारियां सौंपी।
समुदाय के सशक्तिकरण की दिशा में कदम
इस अवसर पर साध्वी अमरजीत ने कहा, “यह निर्णय केवल वैष्णव किन्नर अखाड़ा के विस्तार का हिस्सा नहीं है, बल्कि समाज में किन्नर समुदाय की पहचान, सम्मान और सशक्तिकरण का भी प्रतीक है। हिमांशी और आनंदी, दोनों ही, अखाड़े की परंपराओं और विचारधारा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”
समारोह में विशेष आयोजन
कार्यक्रम के दौरान वैष्णव किन्नर अखाड़ा के अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया। पूजा-अर्चना और तिलक संस्कार के बाद, नए महंतों का स्वागत फूल-मालाओं और जयघोष के साथ किया गया। पूरे आयोजन में अखाड़े की समृद्ध परंपराएं और रीति-रिवाज झलकते रहे।
सामाजिक संदेश
यह आयोजन किन्नर समुदाय के अधिकारों और समाज में उनके योगदान को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। वैष्णव किन्नर अखाड़ा, जो अपने धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए जाना जाता है, ने इस कदम से समाज में समावेशिता और समानता का एक मजबूत संदेश दिया है।
समाज की उम्मीदें
कार्यक्रम के बाद, अखाड़े के कई वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि इस पहल से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा और किन्नर समुदाय को उनकी धार्मिक और सामाजिक भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। हिमांशी और आनंदी को दी गई यह नई जिम्मेदारी, उनके नेतृत्व कौशल और अखाड़े के मूल्यों को और मजबूत करेगी।