धनबाद : झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले, असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता हिमंता बिस्व सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। धनबाद में आयोजित एक जनसभा में सरमा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी हिंदू समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भाजपा इसे सफल नहीं होने देगी। उनकी यह टिप्पणी झारखंड में चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दी है, जहां पहले चरण का मतदान हो चुका है और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की बयार तेज हो गई है।
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राहुल गांधी पर हिंदू समाज को बांटने का आरोप
हिमंता बिस्व सरमा ने कहा, “राहुल गांधी हिंदू समाज को बांटना चाहते हैं, लेकिन हम इसे होने नहीं देंगे। उनकी मंशा समाज में विभाजन और अविश्वास फैलाने की है, लेकिन भाजपा इसे हरगिज़ सफल नहीं होने देगी। हम हमेशा हिंदू समाज के एकजुट होने का समर्थन करते आए हैं, और किसी भी प्रयास को विफल करेंगे जो समाज में दरार डालने की कोशिश करे।” इस बयान ने झारखंड में भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोपों की एक नई पंक्ति खड़ी कर दी है।
गंगा में भेजे जाने का विवादित बयान
सरमा ने अपने बयान में झारखंड के दो कांग्रेसी नेताओं, आलमगीर आलम और इरफान अंसारी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आलमगीर आलम और इरफान अंसारी को गंगा में भेजकर उनकी ‘सर्विसिंग’ करनी होगी।” यह टिप्पणी विवाद का कारण बन गई है, और विपक्षी दलों ने इसे असंवेदनशील और अनुचित करार दिया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सरमा का यह बयान भाजपा के लिए कांग्रेस के नेताओं को निशाने पर लेने का एक तरीका हो सकता है।
झारखंड सरकार पर हमला: नमाज और हनुमान चालीसा का मुद्दा
सरमा ने झारखंड की वर्तमान सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए एक कमरा आवंटित किया गया है, लेकिन हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए कोई विशेष जगह नहीं दी गई। “अगर विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कमरे हैं, तो हनुमान चालीसा के लिए भी एक जगह होना चाहिए,” सरमा ने कहा। यह बयान एक बार फिर से भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को उजागर करने वाला था।
झारखंड के भविष्य के लिए भाजपा को वोट देने की अपील
सरमा ने झारखंड के लोगों से अपील की कि वे आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को समर्थन दें। उन्होंने कहा, “यह चुनाव सिर्फ राज्य का नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के भविष्य का सवाल है। भाजपा को वोट देकर राज्य में विकास और सांप्रदायिक सद्भाव स्थापित करें।” सरमा ने विश्वास जताया कि भाजपा की सरकार राज्य को हर क्षेत्र में प्रगति और समृद्धि के रास्ते पर ले जाएगी।
संथाल परगना में स्कूलों की छुट्टियों पर सवाल
सरमा ने संथाल परगना क्षेत्र में स्कूलों की छुट्टियों को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “क्यों न स्कूलों में शुक्रवार के बजाय मंगलवार को छुट्टी हो?” उनका यह बयान भी एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
भाजपा की चुनावी रणनीति और कांग्रेस का पलटवार
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि हिमंता बिस्व सरमा का यह हमला भाजपा की आक्रामक चुनावी रणनीति को दर्शाता है, जिसमें कांग्रेस और झारखंड की महागठबंधन सरकार को निशाने पर लिया जा रहा है। भाजपा ने राज्य में विकास और स्थिरता के मुद्दों पर जोर देते हुए अपने पक्ष को मजबूती से पेश किया है। हालांकि, कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए इन हमलों को राजनीति से प्रेरित करार दिया है। झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह आरोप-प्रत्यारोप का दौर और भी तेज हो सकता है, और राजनीतिक मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है।