नई दिल्ली: Hindenburg Row : अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की नई रिपाेर्ट से एक बार भीर से देश में हलचल मच गयी है। इस रिपाेर्ट में आराेप लगाया गया कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। बुच ने इन आरोपों को “निराधार” और “चरित्र हनन” का प्रयास बताया है।
SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, ‘हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।’
व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। वहीं इस रिपाेर्ट के आने के बाद कांग्रेस एक बार फिर से माेदी सरकार पर हमलावर है। उसका कहना है कि अदाणी काे बचाने के लिए केंद्र सरकार ने यह सब किया है।
Hindenburg Row : पिछले वर्ष अडाणी ग्रुप पर लगाया था वित्तीय अनियमितता का आराेप
मालूम हाे कि पिछले साल हिंउनबर्ग रिसर्च तब चर्चा में अायी थी जब उसने अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाकर रिपाेर्ट प्रस्तुत किया था। तब अदाणी के शेयराें में भारी गिरावट देखने काे मिली थी अाैर वे टाॅप 20 धनवान व्यक्तियाें की सूची से बाहर हाे गए थे। लेकिन करीब एक साल बाद अदाणी ग्रुप ने उस रिपाेर्ट से अपनी खाेयी साख काे वापस पाया तभी यह दूसरी रिपाेर्ट सामने आयी है।
Hindenburg Row : यह है नाया आराेप
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।