Home » RANCHI JANTA DARBAR NEWS : जनता दरबार में डॉक्टर ने की शिकायत, बंद पड़ा है हॉस्पिटल फिर भी भेज दिया 3.60 लाख का डिमांड नोट

RANCHI JANTA DARBAR NEWS : जनता दरबार में डॉक्टर ने की शिकायत, बंद पड़ा है हॉस्पिटल फिर भी भेज दिया 3.60 लाख का डिमांड नोट

by Vivek Sharma
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

रांची: रांची नगर निगम ने पिछले दिनों जनता दरबार की शुरुआत की है। जिसके तहत हर दिन निगम के अधिकारी सुबह से दोपहर तक राजधानी के लोगों की शिकायत सुन रहे है। लोग अपनी शिकायतें लेकर अधिकारियों के पास पहुंच रहे है। गुरुवार को एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक डॉक्टर ने अपनी शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने बताया है कि एक तो निगम के कलेक्टरों ने गलत तरीके से डिमांड नोट जारी कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने वेस्ट यूजर चार्ज भी 10 हजार रुपये महीने के हिसाब से 3.60 लाख रुपये जमा करने का डिमांड नोट दिया है। साथ ही शिकायत में यह भी कहा गया है कि पिछले कई महीनों से हॉस्पिटल बंद पड़ा है। उस अवधि का भी यूजर चार्ज मांगा जा रहा है। डिमांड नोट में यह भी कहा गया है कि वहां पर 20-50 बेड का अस्पताल चल रहा है। लेकिन उस जगह पर आजतक केवल मरीजों का इलाज किया जा रहा था। वहां कभी हॉस्पिटल शुरू ही नहीं हुआ है। ट्रेड लाइसेंस में भी इसका जिक्र कहीं नहीं है। ऐसे में डॉक्टर ने सुधार करते हुए पूर्व निर्धारित रेट के हिसाब से डिमांड नोट देने की गुहार लगाई है।        

क्या है पूरा मामला

रांची नगर निगम द्वारा बंद अस्पताल के नाम पर भारी-भरकम टैक्स डिमांड जारी किए जाने पर संचालक डॉ ओम प्रकाश रवानी ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने बताया कि एम देवी हॉस्पिटल जो सितम्बर 2021 से संचालित था, विगत दस माह से पूर्ण रूप से बंद है। बावजूद इसके नगर निगम द्वारा 4 मार्च 2025 को 3.60 लाख रुपये की टैक्स डिमांड भेजी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्पताल के संचालन के दौरान वह सितंबर 2021 से मार्च 2022 तक का यूजर टैक्स नियमित रूप से देते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व निर्धारित 400 रुपये प्रतिमाह की दर को बिना किसी आधिकारिक सूचना के अचानक 10,000 रुपये प्रति माह कर देना अनुचित है, जबकि उनके अस्पताल में 20-50 बेड की कोई व्यवस्था ही नहीं थी। उन्होंने निगम से मांग की है कि डिमांड को वास्तविक स्थिति के अनुरूप संशोधित कर 400 रुपये प्रतिमाह किया जाए और भविष्य में उनके नाम से कोई डिमांड न निकाला जाए, क्योंकि अस्पताल अब संचालित नहीं है।

Related Articles