सेंट्रल डेस्क। हैदराबाद स्थित प्रसिद्ध ‘कराची बेकरी’ के नाम को लेकर हाल ही में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने बेकरी के नाम को पाकिस्तान से जोड़ते हुए आपत्ति जताई। इस पर बेकरी के मालिकों ने स्पष्ट किया कि ‘कराची बेकरी’ का नाम पाकिस्तान के कराची शहर से नहीं, बल्कि भारत के हैदराबाद शहर में 1953 में स्थापित इस बेकरी के संस्थापक श्री खांचंद रामनानी के अपने मूल स्थान की याद में रखा गया था।
मालिकों का बयान: हम एक भारतीय ब्रांड हैं
बेकरी के मालिकों ने एक वीडियो संदेश में कहा, “हमारा परिवार विभाजन के समय पाकिस्तान के सिंध प्रांत से भारत आया था। हमारे दादा ने इस बेकरी की स्थापना की थी और इसे कराची नाम दिया था।” उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन से अपील की कि वे इस नाम में कोई बदलाव न करें, क्योंकि यह भारतीय पहचान का हिस्सा है।
पाकिस्तान में भी विरोध प्रदर्शन
भारत में विरोध के साथ-साथ पाकिस्तान के हैदराबाद शहर में भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाने के साथ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधारित कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर की गई हवाई हमलों के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके बाद पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
‘कराची बेकरी’ का नाम एक ऐतिहासिक और पारिवारिक धरोहर है, जो विभाजन के समय के दर्द और संघर्ष की याद दिलाता है। मालिकों ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि उनका व्यवसाय पूरी तरह से भारतीय है और उनका उद्देश्य केवल अपने ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्रदान करना है। ऐसे में इस नाम को लेकर उत्पन्न विवादों से बचना चाहिए और इसे सांप्रदायिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए।