सेंट्रल डेस्क : एनआईए ने एक बड़ी साजिश का खुलासा करते हुए भारतीय नौसेना से संवेदनशील जानकारी लीक करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करते हुए भारतीय नौसेना के कारवार और कोच्चि नौसेना बेस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी लीक की। इस मामले में अब तक कुल आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच में यह सामने आया है कि इन आरोपियों ने सोशल मीडिया का उपयोग कर पाकिस्तानी एजेंसी के साथ संपर्क स्थापित किया था।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़ी साजिश का पर्दाफाश
एनआईए की जांच में यह सामने आया कि पाकिस्तान के नागरिक मीर बालाज खान और भारतीय आरोपी आकाश सोलंकी भारत विरोधी साजिशों में शामिल थे। ये दोनों भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को लीक कर रहे थे। इस जासूसी के लिए आरोपियों को भारी रकम मिलती थी, जो उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती थी।
एनआईए ने खुलासा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारतीय नौसेना के कारवार और कोच्चि बेस पर भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों में सेंधमारी करने की योजना बनाई थी। इसके लिए कई लोगों का नेटवर्क तैयार किया गया था, जो जासूसी का काम करते थे। इस साजिश में शामिल लोग भारतीय नौसेना से जुड़ी जानकारी को लीक कर रहे थे, जिसमें नौसेना प्रतिष्ठानों और सुरक्षा उपकरणों से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं शामिल थीं।
आरोपी और उनके नेटवर्क का पर्दाफाश
एनआईए ने इस मामले में तीन नए आरोपियों वेथन लक्ष्मण टंडेल, अक्षय रवि नाइक और अभिलाष पीए को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान के इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (पीआईओ) के संपर्क में थे। इन आरोपियों द्वारा लीक की गई जानकारी के बदले उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से धन प्राप्त होता था। यह राशि थर्ड पार्टी के जरिए उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती थी, ताकि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को सीधे तौर पर जासूसी के आरोपों से बचाया जा सके।
फरार आरोपी और मामले की आगे की जांच
एनआईए ने अब तक इस मामले में दो फरार पाकिस्तानी गुर्गों सहित पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। इन आरोपियों के खिलाफ काउंटर इंटेलिजेंस सेल, आंध्र प्रदेश द्वारा जनवरी 2021 में आईपीसी की धारा 120 बी और 121 ए, यूए (पी) अधिनियम की धारा 17 और 18 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 के तहत केस दर्ज किया गया था। इसके बाद एनआईए ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच में तेजी लाते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की और कई आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
एनआईए की जांच में अहम कदम
एनआईए की इस कार्यवाही से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय नौसेना के लिए जासूसी करने का यह रैकेट पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की योजना का हिस्सा था। इससे भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता था। एनआईए की कार्रवाई ने इस साजिश को न केवल नाकाम किया, बल्कि भारतीय सुरक्षा तंत्र को सुरक्षित रखने में भी अहम भूमिका निभाई। अब तक इस मामले में आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच जारी है।