सेंट्रल डेस्क : सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई के दौरान भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारियों के बीच चल रहे अहंकार की लड़ाई का जिक्र हुआ। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। अदालत ने कहा कि IAS अधिकारी हमेशा IPS और IFS अधिकारियों पर अपना वर्चस्व दिखाने की कोशिश करते हैं।
सभी राज्यों में देखने को मिलता है संघर्ष
जस्टिस गवई ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “IAS अधिकारी हमेशा IPS या IFS पर अपनी श्रेष्ठता दिखाना चाहते हैं। यह बात मैंने अपने अनुभवों के आधार पर कही है, और यह संघर्ष सभी राज्यों में देखने को मिलता है।” अदालत ने यह भी बताया कि आईपीएस और IFS अधिकारी इस बात से नाराज़ हैं कि एक ही कैडर से होने के बावजूद वे क्यों IAS अधिकारियों की बातों को सुनें।
यह मामला एक पर्यावरण से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई के दौरान सामने आया, जहां IAS अधिकारियों ने वन अधिकारियों (IFS) को अपने आदेश का पालन करने के लिए कहा।
आंतरिक संघर्ष को हल करने का करेंगे प्रयास
केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्वासन दिया कि वह अधिकारियों के बीच के इस आंतरिक संघर्ष को हल करने का प्रयास करेंगे। इस मुद्दे पर अब सभी की नजरें बनी रहेंगी, यह देखना बाकी है कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।
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