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जमशेदपुर में डेंगू पर रिसर्च करेगी ICMR : ले गई मच्छर व लार्वा का सैंपल

by Rakesh Pandey
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हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर :  झारखंड में सबसे अधिक डेंगू के मामले जमशेदपुर में मिल रहे हैं। यह स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है। इसे लेकर न सिर्फ स्थानीय प्रशासन चिंतित है बल्कि राज्य स्तरीय टीम भी परेशान हैं। इसका कारण ढूंढने के लिए रांची से स्वास्थ्य विभाग व इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की 11 सदस्यीय टीम जमशेदपुर पहुंची। टीम सबसे पहले सिविल सर्जन कार्यालय गई। वहां जाकर डेंगू प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी हासिल की। इस दौरान पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में चाकुलिया व शहरी क्षेत्रों में मानगो सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके बाद उन क्षेत्रों में अलग-अलग टीम गई।

कहां क्या मिला

इस टीम में राज्य मलेरिया पदाधिकारी डा. बीरेंद्र कुमार सिंह, ICMR के डा. प्रवीण कुमार व रांची रिम्स के डा. देवेश के नेतृत्व में आई थी। टीम के सदस्य चाकुलिया के मुस्लिम बस्ती व पकुडिया से लार्वा व मच्छरों का सैंपल लेकर गये। इसके साथ ही लोगों से विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। टीम ने जाना कि एंटी लार्वा की छिड़काव होता है या नहीं? इस दौरान टीम के सदस्यों ने घरों में भी जाकर जांच की। इस दौरान जो लार्वा व मच्छर मिले उसे टीम एक डिब्बे.में बंद कर अपने साथ ले गई। वहीं, मानगो से भी लार्वा व मच्छरों का सैंपल लिया गया।

टीम ने क्या कहा?

टीम के सदस्यों ने बताया कि ICMR की टीम सैंपल के माध्यम से जानने का प्रयास करेगी की लार्वा व मच्छर किस प्रजाति के हैं। क्या एडिस मच्छर हैं या कोई दूसरा? ताकि यहां पर तेजी से फैल रहे डेंगू बीमारी का कारण स्पष्ट हो सकें। टीम ने यह भी संभावना जताई की अगर जरूरत पड़ी तो इसे लेकर रिसर्च भी की जाएगी। मालूम हो कि इससे पूर्व बीते दो सितंबर को राज्य मलेरिया पदाधिकारी डा. बीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक और टीम जांच करने पहुंची थी। उस दौरान भी विशेष दिशा-निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद मरीजों की संख्या कम नहीं हुई।

 

टीम में ये-ये थे शामिल

टीम में राज्य मलेरिया पदाधिकारी डा. बीरेंद्र कुमार सिंह, आइसीएमआर के डा. प्रवीण कुमार व रांची रिम्स के डा. देवेश, डा. पुनित, डा. एके मित्रा, राज्य सर्विलांस विभाग के अंजली कुमारी, जयंत, मिथिलेश, डा. असद, श्रवण कुमार, गीतांजलि सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

ICMR क्या है?

आपके मन में सवाल आता होगा कि ICMR क्या है? तो आइए इसके बारे में हम आपको बताते हैं। दरअसल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMr), नई दिल्ली, बायोमेडिकल अनुसंधान के निर्माण, समन्वय और प्रचार के लिए भारत में शीर्ष निकाय है, जो दुनिया के सबसे पुराने चिकित्सा अनुसंधान निकायों में से एक है। इसकी टीम हर राज्यों में मौजूद है और वहां पर विभिन्न स्तरों पर रिसर्च का काम किया जाता है। झारखंड की बात करें तो यहां पर भी रांची रिम्स, जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज व धनबाद के मेडिकल कॉलेज में रिसर्च की सुविधा मौजूद हैं।

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क्यों पड़ी जरूरत

झारखंड के जमशेदपुर में हर साल कोई न कोई बीमारी पांव पसारती है लेकिन इस बार डेंगू का प्रकोप काफी ज्यादा है। जितने मरीज अस्पताल में नहीं है उससे अधिक
घरों में हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार रांची से जायजा लेने पहुंच रही हैं। वहीं, शुक्रवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की टीम भी आई थी और विभिन्न क्षेत्रों में जाकर वहां की स्थिति से अवगत हुई थी। इसके बाद उन क्षेत्रों से डेंगू मच्छर का लार्वा व मच्छर का सैंपल लेकर गई थी। ताकि इससे पता चल सकें कि यह कौन सा मच्छर है। क्या एडिस मच्छर है या फिर यह अपना रूप ले बदल चुका है। इससे कई तरह के सवाल दूर हो जाएंगे।

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