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RANCHI NEWS: बिना लाइसेंस के चला रहे बैंक्वेट, लॉज-हॉस्टल तो हो जाए अलर्ट, निगम ने शुरू की सख्त कार्रवाई

by Vivek Sharma
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रांची: रांची नगर निगम ने शहर में बिना लाइसेंस संचालित हो रहे लॉज, हॉस्टल, मैरिज हॉल और धर्मशालाओं के खिलाफ एक्शन मोड में है। वहीं नगर निगम अब सीधे फाइन लगाएगा। इसके बाद भी अगर लाइसेंस के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है तो भवन को सील कर दिया जाएगा। बता दें कि रांची नगर निगम ने सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेना अनिवार्य किया है। इसके बावजूद संचालक लाइसेंस लेने में इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हैं। 

अब शुरू हो गया एक्शन

इसको देखते हुए निगम ने पहले ही आम सूचना जारी कर पांच अप्रैल 2025 तक आवेदन करने की अंतिम तिथि तय की थी। लेकिन कुछेक संचालकों ने ही लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है। जिससे साफ है कि उन्हें नगर निगम के कार्रवाई का कोई डर नहीं है। हालांकि निगम भी इस बार संचालकों को किसी तरह की राहत देने के मूड में नहीं है। यहीं वजह है कि निगम द्वारा दी गई समयसीमा समाप्त हो जाने के बाद अब जांच अभियान तेज कर दिया गया है। 

नोटिस के बाद भी सुस्त रवैया

इसी क्रम में 1 दिन पहले रांची नगर निगम की बाजार शाखा की टीम ने हटिया में बिना लाइसेंस के चल रहे शगुन बैंक्वेट हॉल को सील कर दिया। अपर प्रशासक के कोर्ट में पारित आदेश के आलोक में की गई इस कार्रवाई में झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 466 के तहत सीलबंदी की गई।बताया गया कि शगुन बैंक्वेट हॉल को पूर्व में दो बार नोटिस जारी किया गया था, जिसमें लाइसेंस प्राप्त करने के निर्देश दिए गए थे। निर्धारित समय सीमा के भीतर न तो लाइसेंस लिया गया और न ही आवेदन के साथ सभी जरूरी दस्तावेज लगाए गए। अधूरी जानकारी और दस्तावेजों के अभाव में उनका आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया। इसके बावजूद हॉल का संचालन जारी था। जो कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 एवं झारखंड शहरी क्षेत्र धर्मशाला/विवाह भवन/बैंक्वेट हॉल/लॉज एवं हॉस्टल निर्माण एवं अनुज्ञप्ति नियमावली 2013 का उल्लंघन है।

भवन के व्यावसायिक उपयोग पर भी टैक्स 

इसके अलावा नगर निगम अब उन आवासीय भवन मालिकों पर भी शिकंजा कसने जा रहा है, जो अपने मकानों में किरायेदार रखकर या दुकान खोलकर व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं। वे केवल आवासीय होल्डिंग टैक्स अदा कर रहे हैं। ऐसे मामलों में भी निगम जांच कर रहा है और यदि व्यावसायिक उपयोग पाया जाता है तो भवन निर्माण की तिथि से सौ प्रतिशत जुर्माना वसूला जाएगा। नगर निगम ने सभी संबंधित प्रतिष्ठानों को चेतावनी दी है कि वे तुरंत लाइसेंस के लिए आवेदन करें, अन्यथा न केवल भारी जुर्माना लगेगा, बल्कि भवनों को सील भी किया जा सकता है।

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