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RANCHI NEWS: IFS टॉपर कनिका ने एग्जाम टाइम में सोशल मीडिया अकाउंट को कर दिया था डिएक्टिवेट

by Vivek Sharma
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VIVEK SHARMA

रांची: वैसे तो झारखंड किसी न किसी विषय को लेकर चर्चा में बना रहता है। कभी राजनीति की वजह से तो कभी घटना-दुर्घटना के कारण झारखंड की चर्चा होती है। राजनीतिक उठापटक भी यहां काफी होती है। लेकिन इस बार झारखंड की बेटी ने राज्य ही नहीं बल्कि देशभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। झारखंड की राजधानी रांची की बेटी कनिका अनभ ने यूपीएससी की इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFS) परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल कर देश और राज्य का नाम रोशन किया है। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल परिवार को गर्व से भर दिया, बल्कि पूरे राज्य में खुशी की लहर है।

सवाल: स्कूलिंग कहां से हुई?

जवाब: मेरी प्रारंभिक शिक्षा रांची के सेक्रेड हार्ट स्कूल में हुई। इसके बाद जवाहर विद्या मंदिर श्यामली से हाई स्कूलिंग पूरी करने के बाद पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई। पहले 12वीं की परीक्षा 2014 में अच्छे अंकों के साथ पास की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से ग्रेजुएशन की। वहां से पर्यावरण और प्रशासन के क्षेत्र में काम करने की प्रेरणा मिली। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने जेएनयू का रुख किया। वहां से बायोटेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। बीच में पीएचडी में भी एडमिशन लिया था। लेकिन उसे बीच में छोड़कर सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। 2021 जब तीन अटेंप्ट में फेल हुई तो लगा कि डिसिजन गलत हो गया। लेकिन इस सफलता से खुश हूं।   

सवाल: आपकी इस सफलता में पैरेंट्स का कितना मिला सपोर्ट?

जवाब:  मेरे पिता अभय कुमार सिन्हा खूंटी में डिस्ट्रिक्ट जज के पद से रिटायर हो चुके हैं। वह फिलहाल कोडरमा कंज्यूमर फोरम में जज है। वहीं मां अनिता सिन्हा हाउस वाइफ है। पैरेंट्स के सपोर्ट के बिना ये सफलता हासिल कर पाना मुश्किल था। पापा की ट्रांसफरेबल जॉब थी। ऐसे में मां के साथ रांची में रहना और फिर पढ़ाई करना एक चैलेंज था। मां के सपोर्ट से आज इस मुकाम पर हूं। पापा ने भी शुरुआत से पढ़ाई के लिए कभी नहीं रोका। बल्कि हर सफलता के बाद प्रोत्साहित किया।

सवाल: सोशल मीडिया का क्या रोल रहा?

जवाब: ऐसा नहीं है कि मैंने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया। हां सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। एग्जाम टाइम पर सोशल मीडिया अकाउंट को डिएक्टिवेट कर दिया। कुछ स्टडी मैटेरियल तो आनलाइन मिलते थे। उसके लिए एक दो अकाउंट से मैटेरियल डाउनलोड करने के लिए लॉग इन करनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए 8-9 घंटे की रेगुलर पढ़ाई की। एग्जाम के टाइम 12-13 घंटे भी कम लगते थे।

सवाल: आईएफएस बनने के बाद पहला फोकस क्या होगा?

जवाब: मेरा फोकस भी पर्यावरण पर है। इसलिए इस क्षेत्र में काम करने का मौका मिलेगा तो सबसे पहले प्लांटेशन पर काम करूंगी। सोसायटी को कुछ दे सकूं। हेरीटेज का इंपार्टेंट पार्ट है फारेस्ट का। बायो डाइवर्सिटी को मेंटेन करने के लिए मैं काम करूंगी।    

माता-पिता बोले, गर्व का क्षण

कनिका की मां अनिता सिन्हा ने कहा कि बेटी ने हमारे हर त्याग को सार्थक कर दिया। वह बचपन से ही मेहनती और अनुशासित थी। उसकी पढ़ाई के लिए हमने कहीं भी आना-जाना छोड़ दिया ताकि उसकी पढ़ाई बाधित न हो। वहीं उनके अभय कुमार सिन्हा ने कहा कि कनिका ने शुरुआत से ही पढ़ाई में इंटरेस्ट दिखाया। आज उसी का परिणाम है कि वह देशभर में नंबर वन आई है। ये हमारे लिए गर्व का क्षण है।   

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