नई दिल्ली : 4 मिनट में क्या कुछ हो सकता है, किसी की तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ नहीं भी हो सकता है। IIT, धनबाद में केवल 4 मिनट के कारण एक छात्र (अतुल कुमार) ने अपनी सीट गंवा दी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देते हुए कहा है कि उस छात्र को प्रवेश दिया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़ (Chief Justice of India) औऱ जस्टिस JB पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने निर्देश देते हुए कहा कि हमारा मनाना है कि एक प्रतिभाशाली छात्र को अधर में नहीं छोड़ा जाना चाहिए। हम आदेश देते ेहैं कि उसे आईआईटी धनबाद में प्रवेश दिया जाना चाहिए।
इसके बाद अतुल ने कोर्ट को बताया कि सीनियर वकीलों ने उनकी फीस भरने का भी निर्णय लिया है। इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा- शुभकामनाएं, अच्छा, करिए। दरअसल अतुल ने आईआईटी की परीक्षा पास की। उन्हें आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engineering) कोर्स मिला। अतुल के पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं। उन्होंने किसी से 17,500 रुपये उधार मांगे थे, लेकिन उसने मौके पर पैसे देने से इंकार कर दिया। ऐसे में उन्हें पैसों का इंतजाम करने में थोड़ा वक्त लग गया। इसके बाद जब अतुल कंप्यूटर पर अपना फॉर्म भरने बैठे, 4 बजकर 56 मिनट पर IIT धनबाद की साइट खुद ही लॉगआउट हो गई, जबकि डेडलाइन 5 बजे तक की थी।
इसके बाद IIT मद्रास से संपर्क किया गया, क्योंकि परीक्षा आईआईटी, मद्रास ने कराई थी। इसके बाद वहां कहा गया कि यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है, वो सर्वोच्च न्यायालय जाएं। इसके बाद 25 सितंबर को सुनवाई हुई। अतुल के वकील ने दलील दी कि यह उनका आखिरी मौका था, क्योंकि दो ही प्रयास की अनुमति है।
अंततः कोर्ट ने अतुल के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा ‘उसके लिए अतिरिक्त सीट बनाई जानी चाहिए और इसके लिए किसी अन्य छात्र को परेशान नहीं किया जाना चाहिए’। कोर्ट ने यह भी कहा कि ‘हॉस्टल सहित सभी सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केवल 17,500 रुपये के लिए कोई छात्र दाखिले से वंचित न हो जाए’।