धनबाद : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT)-ISM धनबाद के शताब्दी कॉन्फ्रेंस में डिजिटल तकनीक, डेटा सुरक्षा और सतत विकास जैसे विषयों पर गहन विमर्श हुआ। सम्मेलन में भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) मॉडल को वैश्विक मंच पर सराहा गया। नॉर्वे के वैज्ञानिक संजय मिश्रा ने कहा कि मास्टरकार्ड और वीजा पर निर्भरता कम कर भारत ने एक अनुकरणीय कदम उठाया है, जिसे अब फ्रांस भी अपनाने को इच्छुक है।
UPI मॉडल बना वैश्विक प्रेरणा, फ्रांस ने जताई साझेदारी की इच्छा
कॉन्फ्रेंस के दौरान नॉर्वे इंस्टीट्यूट ऑफ एनर्जी टेक्नोलॉजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजय मिश्रा ने भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली UPI की सराहना करते हुए कहा कि यह मॉडल अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की नीतियां स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने वाली हैं। मास्टरकार्ड और वीजा पर निर्भरता कम कर भारत ने जो भुगतान प्रणाली विकसित की है, वह अन्य देशों के लिए उदाहरण बन चुकी है। फ्रांस भी इस दिशा में भारत के साथ मिलकर कार्य करना चाहता है।
Dhanbad News : डिजिटल तकनीक और ‘विकसित भारत 2047’ का विजन
कॉन्फ्रेंस की संयोजक और आईआईटी-आईएसएम की प्रोफेसर रश्मि सिंह ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन का उद्देश्य विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ठोस रणनीति तैयार करना है। उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं, जो डिजिटल तकनीक और सतत विकास जैसे विषयों पर गहन चर्चा कर रहे हैं।
डेटा सुरक्षा को लेकर भारत को गंभीर कदम उठाने होंगे : संजय मिश्रा
डॉ. मिश्रा ने डेटा प्राइवेसी की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आज भी अधिकांश डेटा अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण में है। उन्होंने सुझाव दिया कि जैसे यूरोपीय संघ डेटा सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठा रहा है, भारत को भी इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘डिजिटल इंडिया के युग में डेटा प्राइवेसी, राष्ट्रीय संप्रभुता से जुड़ा विषय है’।
Dhanbad News : वर्चुअल रियलिटी से बदल रही है मैन्युफैक्चरिंग और टूरिज्म इंडस्ट्री
पर्ड्यू यूनिवर्सिटी, यूएसए के प्रोफेसर मंगेश चंद्रमौली ने वर्चुअल रियलिटी (VR) और डिजिटल तकनीक की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग, एयरोस्पेस और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में VR से क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वीआर की मदद से न केवल वर्चुअल यात्रा संभव है, बल्कि इससे कर्मचारियों को जोखिममुक्त प्रशिक्षण भी दिया जा सकता है।
Dhanbad News : कौशल विकास में डिजिटल तकनीक की भूमिका
प्रो. चंद्रमौली ने बताया कि भारत आज मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में दुनिया का तीसरा पसंदीदा देश बन चुका है। उन्होंने बताया कि वर्चुअल माध्यम से प्रशिक्षण देना एक सुरक्षित तरीका है, जिससे कर्मचारियों का आत्मविश्वास बढ़ता है और उत्पादकता में इज़ाफा होता है।
शताब्दी समारोह में तकनीकी नवाचार और वैश्विक सहयोग पर जोर
यह अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस न केवल संस्थान की 100 वर्षों की यात्रा का उत्सव है, बल्कि यह आयोजन भारत के तकनीकी भविष्य की दिशा भी तय कर रहा है। ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु इस प्रकार के विचार मंच सहयोग, नवाचार और नीति-निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं।