गुमलाः जिले के एक घर में ही अवैध तरीके से मिनी गन फैक्ट्री चल रही थी जहां कट्टे बनाए जा रहे थे। गुमला जिले में बसिया थाना क्षेत्र में पड़ता है पंथा गांव। इसी गांव में पुलिस ने एक मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। बसिया थाने की पुलिस ने छापेमारी कर अवैध देसी कट्टा बनाने के आरोप में राजेंद्र लोहरा नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र लोहरा दिव्यांग है। पुलिस ने पूछताछ करने के बाद उसे जेल भेज दिया।
पुलिस को मिली थी गुप्त सूचना
अवैध गन फैक्ट्री एसडीपीओ नजीर अख्तर ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पंथा निवासी राजेंद्र लोहरा अपने घर में अवैध देसी कट्टे का निर्माण कर उसकी बिक्री करता है। इस जानकारी के आधार पर उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद एसडीपीओ ने थाना प्रभारी युधिष्ठिर कुमार प्रजापति के नेतृत्व में एक छापेमारी टीम का गठन किया।
बरामद किए गए कई आपत्तिजनक सामान
पुलिस टीम ने पंथा गांव में पहुंचने के बाद सबसे पहले राजेंद्र लोहरा के घर की घेराबंदी। इसके बाद छापेमारी की कार्रवाई शुरू की गई। पुलिस टीम की ओर से की गई तलाशी के दौरान इस घर से कई आपत्तिजनक सामान मिले। इनमें छह लोहे के पाइप, नौ पीस स्टेनलेस स्टील पाइप, एक लोहे का
प्लास, दो देसी रेती, एक हथौड़ा
लकड़ी का डम्मी नुमा बट, लोहे का बैरल, एक अर्धनिर्मित देसी कट्टा
एक लोहे की कटिंग करने की मशीन, एक स्प्रिंग, एक प्लास्टिक की खिलौना बंदूक, एक आरी का ब्लेंडइन शामिल हैं।
पुलिस कर रही जांच
मौके से बरामद किए गए सामानों को देखकर पुलिस को यह स्पष्ट हो गया है कि राजेंद्र लोहरा अवैध हथियार निर्माण के गंभीर अपराध में लिप्त था। पुलिस को दी गई गुप्त सूचना सही थी। इसके बाद अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि अवैध तरीके से हथियारों का निर्माण करने के बाद उसकी सप्लाई किसे की जाती थी।
40 वर्षों से चल रहा था अवैध हथियारों का धंधा
पुलिस की जांच में सामने आया है कि राजेंद्र लोहरा और उसका परिवार पिछले 40 वर्षों से अवैध हथियार निर्माण के कारोबार में संलग्न थे। यह परिवार हथियारों का निर्माण कर उन्हें अपराधियों को बेचा करता था। पुलिस ने बताया कि राजेंद्र पुरानी गाड़ियों की स्टीयरिंग में लगी पाइप का उपयोग कर देसी कट्टे का निर्माण करता था।
छिपाकर रखे गए अर्धनिर्मित हथियार
गिरफ्तार आरोपी राजेंद्र ने अपने बिस्तर के नीचे अर्धनिर्मित हथियार छिपाकर रखे थे। जब पुलिस ने छापेमारी की, तो बिस्तर के नीचे कई अर्धनिर्मित कट्टे देखकर उनकी होश उड़ गए। यह इस बात का संकेत है कि राजेंद्र ने अपने घर को अवैध हथियार निर्माण का अड्डा बना रखा था।
छापेमारी टीम का गठन
इस छापेमारी में थाना प्रभारी युधिष्ठिर कुमार प्रजापती के अलावा पुलिस अवर निरीक्षक संजय मुंडा, आरक्षी दिलीप होरो, आरक्षी पैकस किंडो, आरक्षी दिलीप कुमार प्रमाणिक, और आरक्षी मांगू उरांव भी शामिल थे। इन सभी ने मिलकर इस सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया।