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Kolkata Police raid in Bihar : बिहार में बर्तन फैक्टरी में अवैध हथियार निर्माण का भंडाफोड़, कोलकाता पुलिस की दबिश में मालिक समेत दो गिरफ्तार

फैक्टरी के नीचे एक कमरे में बनाये जाते थे अवैध हथियार, छह पिस्तौल के सात एमएम कलपुर्जे, पिस्तौल की बट, एक लेथ मशीन, ड्रिलिंग मशीन समेत हथियार बनाने के अन्य उपकरण बरामद

by Rakesh Pandey
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कोलकाता : बिहार के तारापुर में स्थित एक बर्तन बनाने की फैक्टरी में अवैध हथियार बनाने का भंडाफोड़ हुआ है। कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार रात गुप्त सूचना के आधार पर इस फैक्टरी का पर्दाफाश किया। फैक्टरी के मालिक और उसके रिश्तेदार को गिरफ्तार कर पुलिस ने हथियारों के कई कलपुर्जे बरामद किए।

फैक्टरी के नीचे बन बनाये जा रहे थे अवैध हथियार

कोलकाता पुलिस की एसटीएफ को यह जानकारी मिली कि तारापुर स्थित बर्तन फैक्टरी के नीचे एक गुप्त कमरे में वर्षों से अवैध हथियार बनाए जा रहे थे। फैक्टरी के इस अंधेरे कोने में पुलिस ने बंदूक और पिस्तौल के कई कलपुर्जे बरामद किए। एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस और बिहार एसटीएफ के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया और मौके से भारी मात्रा में हथियार बनाने के उपकरण भी जब्त किए।

गिरफ्तारी और बरामदगी

एसटीएफ ने इस मामले में फैक्टरी के मालिक मोहम्मद मोनाजिर हुसैन और उसके रिश्तेदार मोहम्मद नसीम को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, इनके पास से छह पिस्तौल के सात एमएम कलपुर्जे, पिस्तौल की बट, एक लेथ मशीन, ड्रिलिंग मशीन, और अन्य हथियार बनाने के उपकरण बरामद हुए हैं।

पहले भी हो चुका है हथियार कारखाने का भंडाफोड़

यह कोलकाता पुलिस की स्पेशल टीम द्वारा पिछले तीन वर्षों में बरामद की गई 14वीं अवैध हथियार फैक्टरी है। इससे पहले बिहार के भागलपुर में भी एक अवैध हथियार निर्माण कारखाने का भंडाफोड़ हुआ था, जहां पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार और अन्य निर्माण उपकरण जब्त किए थे।

बिहार और झारखंड से हथियारों की तस्करी

पुलिस का मानना है कि लंबे समय से यहां अवैध हथियार बनाए जा रहे थे, जिन्हें सीमा पार बंगाल में भेजा जा रहा था। पुलिस ने झारखंड में भी अवैध हथियार बनाये जाने की आशंका जतायी है। पुलिस का कहना है कि इस तस्करी के कारण राज्य में अपराधों में वृद्धि हो रही थी। पुलिस फिलहाल आरोपियों से पूछताछ कर रही है, ताकि इस धंधे में लिप्त अन्य लोगों और नेटवर्क का पता चल सके। दूसरी ओर पुलिस का मानना है निकट भविष्य में बिहार से सटे झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी इस तरह की गतिविधियों का खुलासा हो सकता है।

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